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यूरोपीय यूनियन से अलग हुआ ब्रिटेन, 47 साल का साथ खत्म

Update: 2020-02-01 06:12 GMT

लंदन। यूरोपीय यूनियन (संघ) में 47 सालों तक रहने के बाद ब्रिटेन यानी यूके ने अपनी अलग राह चुन ली। ब्रिटेन शुक्रवार की देर रात को औपचारिक तौर पर यूरोपीय यूनियन (ईयू) से आजाद हो गया। इसके साथ ही ब्रिटेन 28 देशों के समूह वाले यूरोपीय यूनियन से अलग होने वाला पहला देश बन गया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसे ऐतिहासिक पल करार दिया। ईयू से अलग होने यानी ब्रेक्जिट पर बोरिस जॉनसन ने कहा कि यह नए युग की शुरुआत है।

दरअसल, 28 देशों के इस समूह से अलग होने के लिए वर्ष 2016 में ब्रेक्जिट पर जनमत संग्रह कराया गया था। इस तरह ब्रेक्जिट शुक्रवार को रात 11 बजे अस्तित्व में आया। बता दें कि ब्रक्जिट से पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया। डाउनिंग स्ट्रीट ने राष्ट्र के नाम जॉनसन के संबोधन का बयान जारी किया। इसमें जॉनसन ने कहा कि यह बदलाव का पल है। सरकार के तौर पर हमारा काम इस देश को एकजुट रखना और इसे आगे ले जाना है। सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि आज की रात कोई अंत नहीं बल्कि एक नई शुरूआत का समय है।

दरअससल, कंजरवेटिव पार्टी के नेता जॉनसन पिछले साल ब्रेक्जिट कवायद को आखिरी मुकाम तक पहुंचाने के संकल्प के साथ देश के प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने इसे देश की नई शुरूआत के लिए ऐतिहासिक पल बताया है ।

एकजुटता के संदेश के साथ जॉनसन ने उत्तरी इंग्लैंड के संडरलैंड में अपने मंत्रिमंडल की बैठक की। सबसे पहले इसी शहर ने जून 2016 में ईयू से बाहर निकलने को समर्थन देने की घोषणा की थी। साल 1973 में यूरोपीय संघ में शामिल हुआ ब्रिटेन ने 47 साल बाद इस समूह को अलविदा दिया। इस तरह, अब ईयू 27 देशों वाला समूह हो गया।

साल 2016 में हुए जनमत सवेर्क्षण में 51.89 प्रतिशत लोगों ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में मतदान किया था।

ब्रिक्जिट के मुद्दे पर ब्रिटेन के दो प्रधानमंत्रियों डेविड कैमरन तथा सुश्री थेरेसा मे को इस्तीफा देना पड़ा था। आखिरकार मौजूदा समय में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन संसद में ब्रेक्जिट प्रस्ताव को पास कराने में सफल हुए।

गौरतलब है कि लगभग पांच दशकों तक यूरोपीय संघ के साथ रहने के बावजूद ब्रिटेन ने कभी यूरो (यूरोपीय संघ की करेंसी) को नहीं अपनाया या वीजा-मुक्त यात्रा को लेकर हुए शेंगेन समझौते का हिस्सा नहीं रहा था। ब्रिटेन ने अब परिवर्तन अवधि यानि यूरोपीय संघ के साथ अपने भविष्य के संबंधों के विवरण पर सहमत होने के लिए निर्धारित 11 महीने का समय में प्रवेश कर लिया है।

यूरोपीय यूनियन यानी ईयू से अलग होने पर ब्रिटेन में कहीं खुशी तो कहीं मायूसी का माहौल है। माना जा रहा है कि ब्रेक्जिट से न सिर्फ ब्रिटेन और उसके आस-पास के लोगों की जिंदगी पर असर पड़ेगा, बल्कि भारतीय और व्यापारियों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। ये भविष्य के व्यापार और मोबिलिटी अरेंजमेंट्स को लेकर स्पष्टता का इंतजार करेंगे। 

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