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एंटीगुआ के प्रधानमंत्री ने मेहुल को लेकर दिया यह बड़ा बयान

Update: 2019-06-25 09:34 GMT

नई दिल्ली। मेहुल चोकसी को लेकर एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मेहुल चोकसी की नागरिकता रद्द होगी। अब उनके पास कोई भी कानूनी रास्ता नहीं बचा है औ वह जल्द ही भारत प्रत्यर्पित किए जा सकते हैं। मेहुल चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी दोनों पीएनबी के साथ 13,400 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी मामले में ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के वांछित हैं। बीते काफई समय से उन्हें भारत लाए जाने की कोशिशें चल रही है।

करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाला के प्रमुख आरोपियों में से एक मेहुल चोकसी ने बीते हफ्ते बंबई हाईकोर्ट में कहा कि उसने मामले के अभियोजन से बचने के लिए नहीं बल्कि अपने इलाज के लिए देश छोड़ा था। फरार हीरा कारोबारी चोकसी अभी कैरेबियाई देश एंटीगुआ में रह रहा है।

चोकसी ने अपने वकील विजय अग्रवाल के जरिए हलफनामा दायर कर कहा कि उसने विदेशों में मेडिकल जांच और उपचार के लिए जनवरी 2018 में देश छोड़ा था। हलफनामे में चोकसी ने कहा गया कि, 'मैंने संदिग्ध हालात में देश नहीं छोड़ा था।'

चोकसी ने अदालत में उसके द्वारा दायर दो याचिकाओं के संबंध में हलफनामा दायर किया है। उन याचिकाओं में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एक विशेष अदालत में दायर एक आवेदन को रद्द करने का अनुरोध किया है। चोकसी ने अपनी याचिका में कहा है कि वह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण भारत लौटने में असमर्थ है।

प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई की एक अदालत को बताया है कि वह मेहुल चोकसी को एंटीगुआ से भारत लाने और उसे भारत में सभी आवश्यक उपचार प्रदान करने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक एयर एम्बुलेंस प्रदान करने के लिए तैयार है। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि उन्होंने (मेहुल चोकसी) ने कभी भी जांच में सहयोग नहीं किया। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। इंटरपोल द्वारा एक रेड नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने लौटने से इनकार कर दिया, इसलिए वह एक हैं भगोड़ा और एक फरार। 

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