ममता के गढ़ में शाह का मिशन 22
पोर्ट ट्रस्ट गेस्ट हाउस में पार्टी की चुनाव प्रबंधन समिति साथ पहली बैठक को संबोधित करते हुए कार्यकर्ताओं के समक्ष 22 सीटों का लक्ष्य रखते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में किसी भी स्थिति में बंगाल से 50 फीसदी सीटें चाहिए।
कोलकाता, स्व.स.से.। भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा-2019 के लिए कमर कस ली है। इसके लिए राज्य की इकाई के समक्ष मिशन ट्वेंटी टू का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य के दो दिवसीय दौरे पर आए शाह ने कार्यकर्ताओं से साफ तौर पर कहा कि तृणमूल कांग्रेस के साथ हमारा किसी तरह का कोई समझौता नहीं है। लिहाजा भ्रम व आशंका में रहने की जरूरत नहीं। पोर्ट ट्रस्ट गेस्ट हाउस में पार्टी की चुनाव प्रबंधन समिति साथ पहली बैठक को संबोधित करते हुए कार्यकर्ताओं के समक्ष 22 सीटों का लक्ष्य रखते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में किसी भी स्थिति में बंगाल से 50 फीसदी सीटें चाहिए।
शाह ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे आगामी आम चुनावों को गंभीरता से लें, इसमें किंतु-परंतु नहीं चलेगा। । बुधवार को चली इस मैराथन बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय सचिव सुरेश पुजारी, राहुल सिन्हा, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, नेता मुकुल राय सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। शाह ने यहां सांगठनिक मजबूती के लिए जन संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा अब विलंब मत कीजिए । अब समय की दरकार है आप सभी राज्य के हर जिले के हर गांव में जाकर स्थानीय, राज्य स्तरीय एवं राष्ट्र स्तरीय मुद्दों पर आंदोलन करें। भाजपा अध्यक्ष ने तृणमूल कांग्रेस के साथ संबंधों से पर्दा हटाते हुए कहा कि पार्टी टीएमसी के साथ कोई समझौता नहीं करेगी । इसलिए कार्यकर्ता अपना लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें, केंद्रीय नेतृत्व उनके साथ है। पार्टी के बेहतर प्रबंधन के लिए शाहने सांगठनिक तौर पर राज्य को तीन भाग उत्तर बंगाल, दक्षिण बंगाल एवं जंगल महल में विभक्त किया। उन्होंने इन तीनों भाग को ध्यान में रखते हुए आंदोलन चलाने को कहा।
कोलकाता में कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाने के बाद शाह यहां से सीधे पुरुलिया व पड़ौसी जिलों में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। पुरुलिया व मेदिनीपुर में पंचायत चुनाव की शानदार सफलता को देखते हुए भाजपा मानकर चल रही है कि आगामी लोकसभा चुनावों में उसे खासी सफलता मिल सकती है। हाल के दिनों में इन जिलों में कार्यकर्ताओं की हत्या एक असंतोष का कारण है । स्थानीय राजनीति भाजपा की ओर उन्मुख होती जा रही है। इससे तृणमूल कांग्रेस के अंदर खलबली मची हुई है। शाह इस पर दावा करते नहीं थकते। उनका कहना है वर्ष 2014 की तुलना में भाजपा यहां शानदार सफलता अर्जित करेगी। इसके लिए उन्होंने कार्यकर्ताओं के समक्ष 50 प्रतिशत यानि 22 सीटों का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि लोग ममता बनर्जी के शासन से मुक्ति चाहते हैं। राज्य के अपने 18 दौरों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि वहां के लोग तृणमूल कांग्रेस की संस्कूति से तंग आ चुके हैं और बदलाव को लेकर भाजपा की तरफ देख रहे हैं। उन्होंने इसके लिए पंचायती चुनाव के परिणामों की भी चर्चा की। पंचायत निकायों में भाजपा नंबर दो की हैसियत से अपना स्थान बनाने में सफल रही है।