भाजपा को उत्तर भारत में 103 सीटों के नुकसान की आशंका, भरपाई दक्षिण व पूर्वोत्तर राज्यों से करने की तैयारी
इस बैठक में भाजपा नेता ने माना कि उत्तर भारत में विपक्षी दल गठबंधन करके लड़ेंगे।
नई दिल्ली / स्वदेश वेब डेस्क। 2014 से लक्ष्य 2019 का कठिन है। इसलिए कांग्रेस, सपा, बसपा, रालोद, राजद, झामुमो व अन्य क्षेत्रीय दलों के संभावित गठबंधन से भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर भारत में लगभग 103 लोकसभा सीटों के नुकसान की आशंका है, जिसकी भरपाई दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों से करने की रणनीति बनाई जा रही है । यह भी रणनीति बनी है कि उत्तर भारत में यदि विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा के विरुद्ध प्रत्याशी खड़ा करते हैं, तो भी उन्हें (विपक्षी दलों को ) 2014 की तरह मुंह की खानी पड़े। विपक्ष अधिक सीटें नहीं जीत पाये, इसके लिए भाजपा ने अन्य योजनाओं के अलावा उन सभी लोकसभा सीटों पर पूरा जोर लगा देने की रणनीति बनाई है, जिन पर 2014 में भाजपा दूसरे नम्बर पर रही थी ।
सूत्रों का कहना है दिल्ली से सटे फरीदाबाद के सूरज कुंड के सरकारी राजहंस होटल मेंभाजपा नेताओं की 14, 15, 16 जून 2018 को हुई तीन दिवसीय बैठक में निर्णय हुआ कि 2014 लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर पार्टी जीती है, उसे तो फिर जीतने के लिए हर तरह से उपक्रम किया ही जाये | साथ ही जिन सीटों पर पार्टी दूसरे नम्बर आई थी, उन सीटों पर भी इस बार पूरा जोर लगाया जाये। इसके लिए भाजपा व संघ के कार्यकर्ता मिलकर कार्य करेंगे। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में भाजपा नेता ने माना कि उत्तर भारत में विपक्षी दल गठबंधन करके लड़ेंगे। इसलिए इस बार लड़ाई 2014 से कठिन है। ऐसे में हो सकता है कि पार्टी को उत्तर भारत के राज्यों में 103 लोकसभा सीटों का नुकसान हो जाये। सूत्रों का कहना है कि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान की संभावना उ.प्र. व राजस्थान में है, जिसकी भरपाई दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के राज्यों में अधिक सीटें जीतकर की जायेगी। इसके लिए संघ व भाजपा तथा इनके सभी आनुषांगिक संगठनों को अभी से युद्ध स्तर पर लगना होगा।