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देश की समस्याओं के समाधान में सहयोगी बनें कॉर्पोरेट : अनु आगा

आईआईटी दिल्ली का 49वां दीक्षांत समारोह, 378 पीएचडी सहित कुल 2064 छात्रों को मिली डिग्री

Update: 2018-11-03 14:36 GMT

नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य और थरमेक्स लि. की पूर्व चेयरमैन अनु आगा ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के 49वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि युवा डिग्री धारकों का अमीर और शक्तिशाली बनने का सपना देखने में कुछ भी गलत नहीं है, बशर्ते वह नैतिक मूल्यों का पालन कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।

समारोह में 250 छात्रों और 128 छात्राओं सहित कुल 378 को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) की डिग्री प्रदान की गई। इसमें मास्टर ऑफ साइंस (रिसर्च) 20, मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (डूअल डिग्री प्रोग्राम) में 145, मास्टर ऑफ टेक्नाेलॉजी (अंडर एडवांस्ड स्टैंडिंग) में 2, मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (5 वर्ष इंटीग्रेटिड प्रोग्राम) में 8, एमटेक में 496, मास्टर आफ डिजाइन में 18, मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिशट्रेशन में 121, डिप्लोमा ऑफ आईआईटी दिल्ली (नेवल) में 27, मास्टर आफ साइंस में 152, बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी में 694 और अंडरग्रेजुएट डिप्लोमा में तीन छात्रों को डिग्री दी गई।

अनु आगा ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि युवा स्नातकों के रूप में उन्हें यकीन है कि आप अमीर और शक्तिशाली होने की इच्छा रखते हैं। इस सपने में कुछ भी गलत नहीं है बशर्ते आप नैतिक मूल्यों का पालन कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आप साधन संपन्न हो जाएं तो भारत की कुछ सामाजिक समस्याओं को कम करने के लिए काम करें। यह न केवल अनिवार्य कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के माध्यम से हो बल्कि आपकी व्यक्तिगत धन और संपत्ति के माध्यम से हो।

आईआईटी दिल्ली के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि बीटेक, एमटेक और पीएचडी कार्यक्रम स्नातक छात्रों के लिए एक मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि नवाचार के लिए साहस की जरूरत है। ज्यादातर लोग शारीरिक टीमों में काम करते हैं लेकिन आपकी पीढ़ी आभासी टीमों में बहुत अधिक काम करेगी, क्योंकि भौगोलिक सीमाएं डिजिटल दुनिया में ही हैं।

आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने इस अवसर पर संस्थान की उपलब्धियों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रो राव ने कहा कि इस साल आईईटी दिल्ली ने जेईई के माध्यम से महिला उम्मीदवारों की कुल संख्या में 53 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा कि वास्तविक संख्या 2017 में 91 से बढ़कर 2018 में 139 हो गई। पीजी और पीएचडी कार्यक्रम में लगातार महिला उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि हो रही हैं, जो वर्तमान में लगभग 28 प्रतिशत है।

राव ने कहा इस दीक्षांत समारोह में आईआईटी दिल्ली 378 पीएचडी डिग्री प्रदान कर रही है। यह वास्तव में हम सभी के लिए गर्व का एक क्षण है। आईआईटी दिल्ली में 60 प्रतिशत से अधिक पंजीकृत छात्र वर्तमान में परास्नातक और पीएचडी हैं। 

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