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Budget 2020 : कंप्यूटर आधारित सभी परीक्षाओं के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी जल्द

Update: 2020-02-01 15:16 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधिक रोजगार सृजन पर जोर देते हुए शनिवार को घोषणा की कि गैर-राजपत्रित सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पदों पर भर्ती के लिए सभी कंप्यूटर-आधारित परीक्षाओं के लिए एक नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) की स्थापना की जाएगी।

भर्ती परीक्षा के दुष्चक्र में फंसे और नौकरियों के लिए अनिश्चितकालीन इंतजार कर रहे देश के युवाओं के लिए यह ताजी हवा में सांस लेने जैसा कदम है। वर्तमान में लाखों अभ्यर्थी विभिन्न गैर-राजपत्रित सरकारी नौकरियों के लिए कई परीक्षाओं के लिए उपस्थित होते हैं।

आम बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा, सरकार का इरादा सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अराजपत्रित पदों पर भर्ती में बड़े सुधार लाने का है। मंत्री ने कहा कि वर्तमान में उम्मीदवारों को समान पदों के लिए अलग-अलग समय पर कई एजेंसियों द्वारा आयोजित कई परीक्षाओं के लिए उपस्थित होना पड़ता है।

धीमी अर्थव्यवस्था से मजबूर होकर सरकार को कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में उच्च शिक्षा के वित्तपोषण के लिए विदेशी निवेश तथा बाहरी वाणिज्यिक उधारी पर उम्मीदें लगा रखी हैं। शनिवार को संसद में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए सीतारमण ने भारत के शिक्षण स्तर और कौशल क्षमता में विकास लाने के लिए कई कदमों की घोषणा की।

सरकार ने हालांकि इस क्षेत्र में पिछले साल से 10,000 करोड़ रुपये ज्यादा आवंटित किए हैं। सीतारमण ने संसद में कहा, हमारी सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए शिक्षा क्षेत्र को 99,300 करोड़ रुपये और 3,000 करोड़ रुपये कौशल विकास के लिए आवंटित करने का फैसला किया है। इस साल की तुलना में उन्होंने पांच जुलाई, 2019 को पेश किए अपने पहले बजट भाषण में शिक्षा क्षेत्र को 94,853 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

भारत 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा श्रमिक आयु वाला देश बनने वाला है, जिसे देखते हुए सरकार ने शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्रों में वृद्धि के लिए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है। पैसे की कमी के कारण हालांकि सरकार को अन्य वित्तीय विकल्पों पर नजर डालने पर विचार करना पड़ा है।

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