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कट ऑफ सिस्टम की जगह कॉमन टेस्ट लागू करने वाली है सरकार

Update: 2019-09-18 03:01 GMT

नई दिल्ली। अब जल्द ही 12वीं के बाद ऐडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को अलग-अलग कॉलेजों की दौड़ नहीं लगानी होगी। क्योंकि देश की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में ऐडमिशन के लिए एक कॉमन टेस्ट होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस प्रस्ताव को जल्द ही अमल में लाएगा। इसे अंतिम रूप देने के लिए एक हाई लेवल कमिटी गठित होगी। सूत्रों के अनुसार कॉमन टेस्ट के स्वरूप को मंजूरी मिल चुकी है। आपको बता दें कि नई एजुकेशन पॉलिसी के ड्राफ्ट में भी इस बात का जिक्र था।

प्रस्ताव के अनुसार 'कॉमन टेस्ट एग्जाम' नैशनल टेस्टिंग एजेंसी आयोजित करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि कॉमन टेस्ट होने से बोर्ड में नंबर पाने की अंधी दौड़ भी कम होगी। हाल के दिनों में 99% से ज्यादा नंबर आने के ट्रेंड पर सवाल उठे थे। सरकार ने संसद में भी कबूल किया था कि यह सामान्य बात नहीं है। चिंता यह भी उठी कि टॉप कॉलेजों की कट-ऑफ इतनी ज्यादा चली जाती है कि कई योग्य स्टूडेंट्स पिछड़ जाते हैं।

नए प्रस्ताव के तहत कॉमन टेस्ट में प्रदर्शन के आधार पर स्टूडेंट्स की लिस्ट जारी होगी। फिर कॉलेज अपनी जरूरत के हिसाब से स्टूडेंट्स को दाखिला दे सकेंगे। गौरतलब है कि नैशनल टेस्टिंग एजेंसी का गठन तमाम तरह की प्रवेश परीक्षा का सिंगल विंडो सिस्टम बनाने के लिए किया गया है। इसके पूरी तरह प्रभावी होने के बाद सीबीएसई और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) टेस्ट कराने की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएंगे।

इसके साथ ही एचआरडी मिनिस्ट्री जल्द ही एजुकेशन लोन लेने वालों को बड़ी राहत दे सकती है। सरकार इस लोन के लिए किश्त चुकाने की समयावधि में बड़ा बदलाव कर सकती है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही इस बारे में औपचारिक आदेश जारी किया जा सकता है कि लोन लेने वालों को किश्त चुकाने के लिए ज्यादा मोहलत दी जाए। प्रस्ताव है कि नौकरी मिलने के बाद ही ईएमआई शुरू होगी। इस बारे में आईआईटी-दिल्ली ने एचआरडी के पास प्रस्ताव भेजा था। सूत्रों के अनुसार एचआरडी इस प्रस्ताव पर सहमत है और इसके लिए नीति बनाई जा रही है।

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