यस बैंक और कोरोना वायरस के कारण शेयर बाजार में ऐतिहासिक गिरावट, सेंसेक्स 1900 अंक लुढ़का
नई दिल्ली। कोरोना वायरस और यस बैंक पर प्रतिबंध के दबाव को झेल रहे शेयर बाजार में सऊदी अरब के तेल की कीमतों में कटौती की घोषणा से सुनामी आ गई, जिससे सेंसेक्स 1,941.67 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 538 अंक लुढ़क गया, जो अब तक की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है।
सऊदी अरब के तेल की कीमतों में कटौती की घोषणा से कच्चे तेल में 33 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई। इसका असर शेयर बाजारों पर हुआ। विश्व के सभी प्रमुख शेयर बाजार लाल निशान में रहे। ब्रेंट क्रुड की कीमत 12 डॉलर गिरकर 33.20 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी क्रुड की कीमत 11.80 डॉलर फिसलकर 29.48 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई।
बीएसई का सेंसेक्स 1,941.67 अंक फिसलकर 35,634.95 अंक पर बंद हुआ जो 12 फरवरी 2019 के बाद का निचला स्तर है। एनएसई का निफ्टी 538 अंक लुढ़ककर 10,451.45 अंक पर आ गया। यह 1 नवंबर 2018 के बाद का निचला बंद भाव है।
इस दौरान छोटी और मझौली कंपनियों में भी भारी बिकवाली हुयी जिससे बीएसई का मिडकैप 4.73 प्रतिशत टूटकर 13,554.07 अंक पर और स्मॉलकैप 4.20 प्रतिशत गिरकर 12,770.55 अंक पर रहा। सेंसेक्स में शामिल सभी 30 कंपनियाँ लाल निशान में रहीं जबकि निफ्टी में शामिल 50 कंपनियों में 46 लाल निशान और चार हरे निशान में बंद हुईं।
सेंसेक्स में आज (9 मार्च) की गिरावट सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है। इससे पहले 24 अगस्त 2015 को सेंसेक्स 1,624.51 अंक और 21 जनवरी 2008 को 1,408.35 अंक टूटा था।