नई दिल्ली। सरकार को रिटेल यानी खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई के र्मोचे पर झटका लगा है। फरवरी महीने में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) बढ़कर 2.93 फीसदी हो गया। सरकार ने गुरुवार को जो आंकड़े जारी किए, उसके मुताबिक जनवरी में यह 2.76 फीसदी था।
खाने-पीने के सामान और ईंंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से इजाफा
पिछले साल की समान अवधि में डब्ल्यूपीआई 2.74 फीसदी रहा था। दरअसल खाने-पीने के सामान और ईंधन की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह से थोक महंगाई दर में इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि जनवरी में डब्ल्यूपीआई 10 महीनों के निचले स्तर पर चला गया था।
सालाना आधार पर थोक महंगाई में 0.19 फीसदी की बढ़ोतरी
यदि हम सालाना आधार पर महंगाई दर को देखें तो इसमें 0.19 फीसदी का इजाफा हुआ है। अगर हम मासिक आधार पर बात करें तो इसमें 0.17 फीसदी का इजाफा हुआ है, क्योंकि थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति (महंगाई) दर जनवरी में 2.76 फीसदी रही थी।
ईंधन एवं बिजली की महंगाई दर में 2.23 फीसदी का इजाफा
यदि हम आंकड़ों के अनुसार देखें तो आलू, प्याज, फल और दूध जैसे आपकी रसोई की प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर जनवरी के 3.54 फीसदी की तुलना में फरवरी में बढ़कर 4.84 फीसदी पर पहुंच गईं। इस दौरान ईंधन एवं बिजली की महंगाई दर में 2.23 फीसदी का इजाफा हुआ। जनवरी में इसमें 1.85 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
महंगाई के लिए आरबीआई ने 4 फीसदी का रखा है लक्ष्य
आरबीआई ने महंगाई के लिए 4 फीसदी (+-दो फीसदी) का लक्ष्य रखा है। ब्याज दरों को तय करने वक्त आरबीआई खुदरा महंगाई दर को ही ध्यान में रखता है।