Dukes Ball Controversy: लॉर्ड्स टेस्ट में बॉल क्वालिटी पर बवाल, इंग्लैंड में सिर्फ ड्यूक्स गेंद से ही क्यों खेला जाता है टेस्ट क्रिकेट?
Dukes Ball Controversy
Dukes Ball Controversy: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज़ में "ड्यूक्स बॉल" विवाद का केंद्र बन गई है। लगातार तीन टेस्ट मैचों (लीड्स, एजबेस्टन और अब लॉर्ड्स) में गेंद की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन 18 ओवर के अंदर दो बार गेंद बदली गई, जिससे खिलाड़ियों का गुस्सा बढ़ गया।
भारतीय खिलाड़ी शुभमन गिल, ऋषभ पंत, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के बाद अब इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने भी ड्यूक्स गेंद की क्वालिटी पर सवाल उठाए हैं। ब्रॉड ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस गेंद में बड़ी खराबी है। इसे ठीक करना जरूरी है।
स्टुअर्ट ब्रॉड की खरी-खरी
ड्यूक्स गेंद की गिरती गुणवत्ता पर इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ स्टुअर्ट ब्रॉड ने खुलकर नाराज़गी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट किया, "क्रिकेट बॉल को बेहतरीन विकेटकीपर की तरह होना चाहिए। उसे शायद ही नोटिस किया जाए। हम इस पर बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इसमें वाकई परेशानी है। नई गेंद को देखकर लगता है जैसे इसे 5 साल हो चुके हों। ड्यूक्स गेंद में जरूर कोई खराबी है। इसे फौरन सुधारने की ज़रूरत है। गेंद को कम से कम 80 ओवर तक टिकना चाहिए, ना कि 10 ओवर में ही खराब हो जाना चाहिए।"
ड्यूक्स गेंद की आलोचना पर कंपनी मालिक का जवाब
एजबेस्टन टेस्ट में टीम इंडिया की जीत के बावजूद कप्तान शुभमन गिल ने ड्यूक्स गेंद की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि गेंद बहुत जल्दी खराब हो रही है और काफी मुलायम भी हो गई है। इस पर ड्यूक्स बॉल के मालिक दिलीप जाजोदिया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अगर गेंद ज्यादा हार्ड होगी तो बल्ले भी टूट सकते हैं। हमें गेंद बनाते समय क्रिकेट के नियमों का पालन करना होता है।
नियम कहते हैं कि गेंद 80 ओवर तक चलनी चाहिए। ऐसे में आप 20 ओवर के बाद ये नहीं कह सकते कि गेंद आपके हिसाब से काम नहीं कर रही।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि "अगर वास्तव में गेंद में कोई गड़बड़ी है, तो उसे सुधारने का विकल्प जरूर होना चाहिए।"
This is so Embarrassing for the game
— James Clark (@Oreotiger1) July 11, 2025
These Duke balls lose shape so easily that there’s nothing for the bowlers once it loses its shine
The game is already so much batsmen dominated , don’t make it harder for them 🤦♂️
Time to use Kookaburra or SG test ECB pic.twitter.com/BJOELtByNP
गेंद को लेकर गिल की अंपायर से बहस
लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन शुभमन गिल और अंपायर के बीच गेंद को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। दरअसल, टीम इंडिया ने जब दूसरी नई गेंद ली तो वह महज 10 ओवर में ही खराब हो गई। इसके बाद अंपायरों ने जो गेंद टीम इंडिया को दी, वह गिल और बाकी खिलाड़ियों को 20 ओवर से भी ज्यादा पुरानी लग रही थी। इसी बात को लेकर गिल ने अंपायर से आपत्ति जताई। भारतीय खिलाड़ियों ने गेंद की गुणवत्ता और अंपायरों के फैसले पर नाराजगी जाहिर की।
ड्यूक्स गेंद का इतिहास
इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट की पहचान ड्यूक्स गेंद से जुड़ी हुई है। सालों से इंग्लैंड में टेस्ट मैचों में ड्यूक्स बॉल का इस्तेमाल होता आ रहा है। मौजूदा भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में भी इसी गेंद से खेला जा रहा है। इस ऐतिहासिक गेंद की शुरुआत ड्यूक परिवार ने 1760 में की थी।
बाद में 1987 में इस बिजनेस को ब्रिटिश क्रिकेट बॉल्स लिमिटेड ने अधिग्रहित कर लिया, जिसके मालिक भारतीय मूल के बिजनेसमैन दिलीप जजोडिया हैं। आज भी ड्यूक्स गेंद को पारंपरिक तरीके से हाथ से सिलकर बनाया जाता है, जिससे यह टेस्ट क्रिकेट के लिए सबसे भरोसेमंद मानी जाती है।
ड्यूक्स बॉल की बनावट
ड्यूक्स बॉल की सबसे खास बात यह है कि इसे हाथ से सिलाई करके बनाया जाता है। हाथ से सिली गई गेंद की सिलाई ज्यादा उभरी और मजबूत होती है, जो लंबे समय तक गेंद की शेप और हार्डनेस को बनाए रखती है। इसमें छह पंक्तियों की सिलाई होती है, जो गेंद के दोनों हिस्सों को जोड़ने वाले कपों पर आगे-पीछे की जाती है।
इंग्लैंड की कंडीशन भी इस गेंद के लिए अनुकूल मानी जाती हैं। बादल, नमी और घास वाली पिचों के कारण ड्यूक्स गेंद हवा में अधिक स्विंग करती है। पिच से टप्पा खाने पर भी ये मूवमेंट बरकरार रहता है।
वजन की बात करें तो यह गेंद 155 से 163 ग्राम के बीच होती है। वहीं इसकी कीमत ₹10,000 से ₹15,000 तक बताई जाती है ।