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बुजुर्गों को मुख्य धारा में लाने की जरूरत

Update: 2018-10-01 15:45 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वर्तमान में भारत जो कुछ भी है वह वरिष्ठजनों के योगदान की वजह से है। सोमवार को हेल्पएज इंडिया द्वारा अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बुजुर्गों को मुख्य धारा में लाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि वृद्धों को 'बुझी हुई ताकत' नहीं समझा जाना चाहिए और उन्हें बीता हुआ कल नहीं मान लिया जाना चाहिए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा, 'सरकार, सिविल सोसायटी, कोरपोरेट, शैक्षणिक संस्थान, मीडिया और सबसे ऊपर समाज को इस वर्ग की जरुरतों के महत्व को समझने की आवश्यकता है।' उन्होंने कहा, 'वृद्धों को बुझी हुई ताकत नहीं समझा जाना चाहिए बल्कि उन्हें समाज का सक्रिय सदस्य माना जाना चाहिए जिनका समाज के कल्याण में योगदान रहा है।'

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि यदि एक तरफ युवाओं में ऊर्जा है तो दूसरी तरफ वृद्धों के पास ज्ञान और अनुभव है और बस उन्हें मौके की जरुरत है। उन्होंने कहा, 'भारत आज जो कुछ है, वह इन बुर्जुगों के योगदान की वजह से है।' पूर्व राष्ट्रपति ने उन लोगों को पुरस्कार भी दिया जिन्होंने समाज के कल्याण में विशिष्ट योगदान दिया।

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