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खुशखबरी : राज्य कर्मचारियों को अगले साल से छठे आयोग के अनुसार मिलेगा वेतन

इससे सरकार पर 85 हजार 457 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा

Update: 2018-07-31 08:20 GMT

कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक बार फिर राज्य सचिवालय नवान्न ने खुशखबरी दी है। बताया गया है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले हर हाल में राज्य सरकार छठे वेतन आयोग की सिफारिश को लागू कर देगी। मंगलवार को वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाल ही में 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन के सिंह का कोलकाता दौरा हुआ था। उन्होंने राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। इस दौरान वित्त मंत्री अमित मित्रा व संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर पश्चिम बंगाल सरकार ने 2019-20 वित्त वर्ष से राज्य के सरकारी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार वेतन देने की जानकारी दी है। इसके लिए राज्य सरकार ने 80 पन्ने की एक प्रस्तुति रिपोर्ट वित्त आयोग को सौंपी है जिसमें बताया गया है कि अगले साल से राज्य के सरकारी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के हिसाब से वेतन दिया जाएगा। उसमें साफ किया गया है कि पहले वर्ष बढ़े हुए वेतन का 22 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार कर्मचारियों को देगी। वेतन और पेंशन को एक साथ समाहित कर 16.5 प्रतिशत पहले वर्ष बढ़ोतरी की जानकारी भी राज्य सरकार ने वित्त आयोग को दी है। इसमें बताया गया है कि अभी तक मौजूदा मापदंड के अनुसार 2019 से 2025 के बीच राज्य सरकार के कर्मचारियों का वेतन देने में राज्य सरकार के आर्थिक कोष से दो लाख 58 हजार 737 करोड़ रुपये खर्च होने चाहिए, लेकिन छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने के बाद यह खर्च बढ़ कर 3 लाख 39 हजार 811 करोड़ रुपये होगा‌। इस तरह से राज्य सरकार के आर्थिक कोष पर 85 हजार 457 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इस प्रस्तुति पत्र में राज्य सरकार ने वित्त आयोग को बताया है क्या 2019-20 वित्त वर्ष में राज्य सरकार को कर से होने वाली कुल आय का 20 फीसदी हिस्सा कर्ज का भुगतान करने में खर्च करना होगा। बाकी 80 फीसदी हिस्से से राज्य के विभिन्न परियोजनाओं का काम व राज्य सरकार के कर्मचारियों का बढ़ा हुआ वेतन भुगतान करना होगा। ऐसे में वित्त आयोग से गुजारिश की गई है कि राज्य के घटते आर्थिक कोष को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाए। उक्त अधिकारी ने दावा किया कि 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष ने इसे मानने की सहमति भी दी है। हालांकि एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भले ही वित्त आयोग की सहमति इस पर मिल गई है लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन के लिए केंद्र सरकार किसी भी हाल में धनराशि आवंटित नहीं करेगी। ऐसे में जब राज्य सरकार ने वित्त आयोग को दी गई प्रस्तुति में इस बात का जिक्र किया है कि 2019 से सरकारी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार वेतन दिया जाएगा तो सरकार इसे देने के लिए बाध्य होगी। एक बार जब कर्मचारियों को वेतन देने की शुरुआत हो जाएगी उसके बाद राज्य की वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय वित्त विभाग अतिरिक्त धनराशि आवंटित कर सकता है।

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