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सीएए को लेकर सर्वानंद सोनोवाल बोले - असम हमेशा असमिया का रहेगा, कोई भी नया बांग्लादेशी नहीं आएगा

Update: 2019-12-20 08:20 GMT

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर राज्य में दुष्प्रचार करने वालों को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने बेहद तल्ख लहजे में स्पष्ट किया कि सीएए के जरिए असम में एक भी बांग्लादेशी नहीं आएगा। क्योंकि, 31 दिसम्बर, 2014 के बाद भारत में आने वाले किसी भी व्यक्ति पर यह कानून लागू ही नहीं होता है।

वे शुक्रवार को सरकारी आवास ब्रह्मपुत्र गेस्ट हाउस में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अधिनियम राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं। उनका इशारा चुनावों से पूर्व इस कानून को लाने के लिए जनता से किए गए वादा की ओर था।

उन्होंने राज्य की जनता का आह्वान किया कि हमारे ऊपर संदेह न करें। सभी एकजुट होकर साथ आएं और मिल बैठकर काम करें। साथ ही कहा कि हिंसक घटनाओं के जरिए जो लोग समाज में गड़बड़ी फैला रहे हैं उनकी पहचान कर उन्हें दंडित करें। जनता इसमें मुझे पूरा सहयोग देगी। मुख्यमंत्री ने लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे संगठनों के प्रति सहानुभूति भी दिखाई।

उन्होंने कहा कि असमिया हमेशा ही असम में राजभाषा रहेगी। इसके प्रति सभी को आश्वस्त रहना चाहिए।मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि कोई कहता है कि नए कानून के जरिए असम में लाखों लोग आएंगे लेकिन मैं (सर्वानंद सोनोवाल) कहना चाहता हूं कि असम हमेशा ही असमिया का रहेगा। असमिया की मां की भेटी, कृष्टि, संस्कृति, भाषा, साहित्य हर समय अक्षुण्ण बनी रहेगी।

उन्होंने कहा कि इस कानून का यही उद्देश्य है कि देश में जो भी धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर आए हैं, उन्हें नागरिकता दी जाएगी। इससे असम समेत पूरे भारत का कोई नुकसान नहीं होगा। नए सिरे से कोई भी यहां नहीं आ सकेगा। मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कड़े तेवर में कहा कि इस कानून के जरिए जब आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू होगी तब यह स्वतः ही सामने आ जाएगा कि कितने लोग असम में आते हैं। उन्होंने दोहराया कि एक भी बांग्लादेशी इसके जरिए नए सिरे से असम में नहीं आ सकता है।

मुख्यमंत्री ने आंदोलन कर रहे लोगों से अपील की कि उन्हें भी अपने बीच का समझें। सभी जातीय संगठन आगे आएं और बातचीत के जरिए सभी समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने कहा कि जनता के हित में ही उन्होंने आईएमडीटी कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। वह हमेशा जनता के साथ हैं।

हिंसा भड़काने वालों पर प्रहार करते हुए सोनोवाल ने कहा कि ऐसे लोग कभी भी असम का विकास नहीं चाहते हैं। उनका उद्देश्य अशांति पैदा करना ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री असम समझौते की छह नंबर धारा को लागू कर जनता को संवैधानिक रक्षा कवच देने के कार्य में लगे हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने इस पूरे आंदोलन की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित किया है। उन्होंने हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदनाएं भी प्रकट की।

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