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राफेल डील : फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद अपनी बात ही काट रहे हैं, रिलायंस का चयन दसॉल्ट ने किया

Update: 2018-09-23 07:00 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद राफेल सौदे पर विरोधाभासी बयान दे रहे हैं। जेटली ने रविवार को फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि ओलांद ने अब कहा है कि न तो भारत और न ही फ्रांस सरकार की दसॉल्ट द्वारा रिलायंस को भागीदार के रूप में चुनने में कोई भूमिका थी।

हम आपको बता दे कि राफेल सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान के बाद भारी राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था। ओलांद ने कहा था कि राफेल लड़ाकू जेट निर्माता कंपनी दसॉल्ट ने आफसेट भागीदार के रूप में रिलायंस डिफेंस को इसलिये चुना क्योंकि भारत सरकार ऐसा चाहती थी। हालांकि, फ्रांस सरकार और दसॉल्ट एविएशन ने पूर्व राष्ट्रपति के बयान को गलत ठहराया था।

जेटली ने कहा कि फ्रांस सरकार ने कहा है कि दसॉल्ट एविएशन के आफसेट करार पर फैसला कंपनी ने किया है और इसमें सरकार की भूमिका नहीं है। जेटली ने कहा कि दसॉल्ट खुद कह रही है कि उसने आफसेट करार के संदर्भ में कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ अनेक करार किया है और यह उसका खुद का फैसला है। जेटली ने 'एक सवाल खड़ा करने वाला बयान जिसमें परिस्थितियां और तथ्य नहीं शीर्षक से फेसबुक पोस्ट में कहा कि दसॉल्ट और रिलायंस ने खुद आपसी करार किया, जैसा पूर्व राष्ट्रपति ओलांद अब कह रहे हैं। 

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