नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को सिविल सेवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए सिविल सेवा अधिकारियों को आर्थिक रूप से कमजोर और सामाजिक व राजनीतिक रूप से वंचित समूह की सेवा पर सबसे अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में राज्य सिविल सेवा अधिकारियों के आईएएस के रूप में पदोन्नत हुए समूह से कहा कि आप में से 30 प्रतिशत से अधिक अधिकारी महिलाएं हैं। यह एक स्वागत योग्य आंकड़ा है जो एक आधुनिक भारत को दर्शाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं के लिए अवसर की समानता देना है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी देश के लोगों की सेवा में काम करते हैं। हालांकि कुछ लोगों को दूसरों के मुकाबले अधिक सरकारी समर्थन की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आपके सामने सबसे महत्वपूर्ण चुनौती लोगों को विश्वास दिलाना है कि उनकी सेवा में तत्पर सिविल कर्मचारी निष्पक्ष, ईमानदार, पेशेवर और कुशल हैं। सरकारी कर्मचारियों के रूप में, सिविल सेवा अधिकारी को अपने व्यक्तिगत आचरण में आदर्श मॉडल होना चाहिए। उसके पेशेवर आचरण में भारत की विविधता के लिए ईमानदारी और अखंडता, विनम्रता, और संवेदनशीलता बेहद जरूरी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्या हम विकास के फल को न्यायसंगत, निष्पक्ष और कुशल तरीके से वितरित करने में सक्षम हैं। हमें अपनी युवा आबादी, और हमारे समाज के गरीब और हाशिए वाले वर्गों की अपेक्षाओं से सावधान रहना होगा।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय सेवाओं ने देश के विकास और हमारी अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्र निर्माण के लिए इन सेवाओं के योगदान पर कोई शक नहीं कर सकता लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने के लिए खुद की समीक्षा करते रहना चाहिए ताकि हमारी सिविल सेवा लगातार सुधरती रहे।