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राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी और संत रविदास को किया याद

Update: 2019-02-19 06:41 GMT

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर नमन करते हुए कहा कि संघर्षमय जीवन के बीच उनका संगठन कौशल अद्वितीय था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ट्वीट कर कहा 'मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। सच्चाई और न्याय के लिए एक लड़ने वाले, वह एक आदर्श शासक, देशभक्त के रूप में प्रतिष्ठित हैं और गरीबों और दलितों द्वारा विशेष रूप से सम्मानित हैं। जय शिवाजी!'

प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश भी टि्वटर पर साझा किया है। इसमें उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का व्यक्तित्व बहुआयामी था। उन्होंने सुशासन और प्रशासन का हिंदुस्तान के इतिहास में एक नवीन अध्याय लिखा था। शिवाजी ने ऐसा अपनी योग्यता और क्षमता के आधार पर संकटों और संघर्षमय जीवन के बीच किया था।

मोदी ने कहा कि शायद विश्व के इतिहास में ऐसा व्यक्तित्व मिलना असंभव है कि जिसने लगातार संघर्ष के बीच में सुशासन की उत्तम परंपरा को मजबूत बनाया हो और आगे बढ़ाया हो। उन्होंने भगवान राम के संगठन कौशल का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे उन्होंने छोटे-छोटे वानरों की सेना बनकर बड़ी लड़ाई जीती थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे ही छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी छोटे-छोटे किसानों और मावलों को साथ लेकर युद्ध के लिए शिक्षित किया और संगठन शास्त्र का कौशल प्रस्तुत किया था।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को रविदास जयंती पर देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संत रविदास का शांति, सौहार्द और भाईचारे का संदेश आज भी प्रेरणा देते हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संदेश में कहा कि 'सभी देशवासियों को गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं। समानता, एकता और सामाजिक सौहार्द की उनकी शिक्षा और सन्देश आज भी हमारे देश को प्रेरणा देते हैं।'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संदेश में कहा 'परम पूज्य संत रविदास जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। सद्भाव, समानता और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए उन्होंने जो अनमोल एवं अमिट संदेश दिया, वह हमें सदा प्रेरित करता रहेगा।'

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा 'संत रविदास जी ने समाज में बिना भेदभाव के आपस में सदभाव रखने की प्रेरणा दी।उनकी शिक्षा का महत्व आज भी समाज के लिए काफी महत्वपूर्ण है। सामाजिक एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द हमेशा बनाए रखने से ही उनके प्रति हमारे सम्मान की अभिव्यक्ति होगी। संत रविदास की जयंती पर उन्हें शत शत नमन!'

उल्लेखनीय है कि संत रविदास (रैदास) जी का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1433 को हुआ था। वह बाहरी आडंबर और दिखावे के घोर विरोधी थे। वह मूर्ति पूजा और तीर्थयात्रा में कतई विश्वास नहीं करते थे।

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