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पीयूष गोयल बोले - जीएसीटी सहकारी संघवाद का सबसे बड़ा उदाहरण

Update: 2018-07-22 04:36 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित जीएसटी काउंसिल की बैठक में अंतरिम वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी (वस्तु सेवा कर) सहकारी संघवाद का सबसे बड़ा उदाहरण है। गोयल ने कहा कि देश के इतिहास में कर को लेकर किए गए सुधार के मद्देनजर यह सबसे बड़ा कदम है। भारत जैसे बड़े व विविधता वाले देश के लिए तो यह और भी बड़ी बात है। इस मौके पर गोयल ने राज्य व संघीय क्षेत्र के सरकारों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पार्टी व राजनीति से ऊपर उठकर लोगों ने काम किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी के पूरी तरह लागू होने से प्रशासन तंत्र में पारदर्शिता आएगी और ईमानदारी को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही लोगों को सस्ते दर पर सामान मिल सकेगा।

बैठक अभी जारी है| इस दौरान अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन पर विचार-विमर्श किया जाना है। इसके तहत टैक्स रिटर्न का सरलीकरण, टैक्स स्लैब को 30 वस्तुओं पर कम किया जाना व चीनी पर लगने वाले सैस पर पुनर्विचार किया जाना भी शामिल है।

बैठक के दौरान बहुप्रतिक्षित कदम टैक्स रिटर्न को दाखिल करने की प्रक्रिया में सरलीकरण लाना है। जीएसटी काउंसिल अपनी बैठक के दौरान उन सभी बिंदुओं पर विचार करेगी जिससे लोगों पर कर का भार कम हो सके।

उल्लेखनीय है कि पीयूष गोयल पहली बार वित्तमंत्री के रूप में जीएसटी कांसिल की बैठक को संबोधित कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक इस बैठक में काउंसिल एक नेशनल अपेलेट ट्रिब्यूनल के गठन पर विचार करेगी जिससे किसी भी विरोधाभास की स्थिति में लोगों की परेशानी का समाधान हो सके। उल्लेखनीय है कि इस ट्रिब्यूनल की चार शाखाओं के गठन का भी प्रस्ताव है। वहीं, चीनी पर सैस लगाने पर फैसला अभी तक लंबित है। असम के वित्तमंत्री हिमंत बिश्वशर्मा की अध्यक्षता में मंत्रियों का समूह चीनी पर सैस लगाने के खिलाफ है। इस मामले पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से मंतव्य मांगा गया है। 

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