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लोकसभा में एनसीटीई संशोधन विधेयक पारित, बीएड के छात्रों को राहत

Update: 2018-07-24 04:42 GMT

नई दिल्ली। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक सोमवार को लोकसभा मे ध्वनिमत से पारित हो गया। इससे एनसीटीई से मान्यता पाठ्यक्रम नहीं पढ़ाने वाले केंद्रीय और राज्यों के 20 मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों की डिग्री को मान्यता मिल जाएगी। इन संस्थानों से पढ़ाई कर चुके छात्रों के लिए यह बड़ी राहत भरी खबर है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में कहा कि इस संशोधन विधेयक में 20 केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है। इसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय दक्षिण बिहार, केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, आईआईटी गुजरात, केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर, एनसीईआरटी की संस्था आरआई का मैसूर सेंटर, कुरूक्षेत्र राज्य विश्वविद्यालय, रवींद्र विश्वविद्यालय, सिक्किम विश्वविद्यालय, इग्नू का मौलाना आजाद विश्वविद्यालय, एनसीईआरटी की संस्था आर आई भुवनेश्वर, पुडुचेरी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मणिपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय, कुमाऊ केंद्रीय विश्वविद्यालय, एएमयू मुर्शिदाबाद, त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी ट्राइबल अमरकंटक विश्वविद्यालय, लक्ष्मीबाई तिरूअंनतंपुरम का बीपीएड संस्थान और रोहतक, मणिपुर और बीएचयू विश्वविद्यालय शामिल हैं। इन विश्वविद्यालयों के शिक्षण पाठ्यक्रम को एनसीटीई से मान्यता प्राप्त नहीं थी।

जावड़ेकर ने कहा कि यह संशोधन एक गलती को सुधारने के लिए लाया गया है। हमने संस्थानों से कहा है कि वे अपना दायित्व समझें और यह कदम सिर्फ एक बार के लिए उठाया गया है। 

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