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लोकसभा चुनाव में कम से कम 10 सीटों पर उम्मीदवार बदल सकती है टीएमसी

Update: 2018-11-19 08:05 GMT

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आगामी लोकसभा के चुनाव में कम से कम 10 सीटों पर उम्मीदवार बदल सकती है। इन सीटों पर प्रत्याशियों के संभावित नामों की चर्चा भी तेज हो गई है।

टीएमसी के सूत्रों बताया कि जहां सहजता से उम्मीदवार मिलेंगे वहां तो ठीक है लेकिन जहां नहीं मिले वहां विधायकों में से किसी एक को लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है। यह सब वही सीटे हैं जिन पर टीएमसी का पहले से कब्जा है। हालांकि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की अंतिम सूची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तय करेंगी, लेकिन जिला नेतृत्व ने भी अपने स्तर पर इस दिशा में कोशिशें तेज कर दी हैं।

वर्तमान में 34 लोकसभा सीटों पर टीएमसी का कब्जा है। पार्टी राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटें दखल करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। सूत्रों के मुताबिक कृष्णानगर और मेदिनीपुर में उम्मीदवार बदले जा सकते हैं। कृष्णानगर से सांसद तापस पाल चिटफंड मामलों में आरोपित हैं। वे अपने विवादित बयानों को लेकर पार्टी को मुश्किल में भी डाल चुके हैं। उनसे पार्टी ने वैसे भी दूरी बनाकर रखी है। मेदिनीपुर से संध्या राय का भी टिकट कटने की उम्मीद है। वे लंबे समय से बीमार हैं। उनका स्वास्थ्य इस लायक नहीं बचा है कि वह घूम-फिरकर चुनाव प्रचार कर सकें।

इसके अलावा अभिनेता देव का भी टिकट कट सकता है। बांकुड़ा से सांसद मुनमुन सेन का टिकट भी कट सकता है क्योंकि कई बार अपने बयानों और गतिविधियों से पार्टी प्रमुख को मुश्किल में डाल चुकी हैं। दार्जिलिंग से तृणमूल के टिकट पर पिछले बार चुनाव लड़ चुके फुटबॉलर बाइचुंग भुटिया पार्टी छोड़ चुके हैं इसलिए वहां भी नया उम्मीदवार चाहिए। जंगलमहल से दो सांसदों का टिकट भी पार्टी काटने पर विचार कर रही है। स्थानीय संगठनों के साथ समन्वय बनाने में ये लोग असफल रहे हैं और हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में भी वहां से भाजपा की बढ़त के कारण यहां के सांसदों से पार्टी नाराज है। इसी तरह से बीरभूम और उत्तर 24 परगना में भी सांसदों का टिकट कटने की सूचना मिली है। इस बारे में पूछने पर तृणमूल के एक उच्च पदस्थ नेतृत्व ने बताया कि जहां जहां सांसदों का टिकट काटा जाएगा वहां दबंग नेता नहीं मिलने पर विधायकों को लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है। हालांकि इस चर्चा के बाद यह भी तय हो गया है कि इस बार लोकसभा चुनाव का टिकट बंटवारे के बाद तृणमूल कांग्रेस में भी घमासान मचना तय है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य की कम से कम आधे से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा किया है। इसके अलावा माकपा और कांग्रेस भी जी-जान से मेहनत कर रही हैं। इसके बीच टीएमसी को अपनी सभी सीटें बचाकर और अधिक सीटों पर कब्जा करना एक बड़ी चुनौती है। 

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