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लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा - हर चीज का राजनीतिकरण करना ठीक नही

Update: 2018-07-24 15:59 GMT

नई दिल्ली। मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीटकर मार डालने की घटना) के मामले में सोमवार को लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ के आश्वासन और बयान के बाद भी इस मुद्दे को उठाने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर मंगलवार को अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी झल्ला उठीं। उन्होंने विपक्ष के हंगामे पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब गृह मंत्री ने इस मामले में समिति गठित करने के साथ विस्तृत बयान दे दिया है, ऐसे में हर चीज का राजनीतिकरण करना ठीक नहीं है।

मंगलवार को विपक्षी सदस्य शून्यकाल में मॉब लिंचिंग का विषय उठाने की मांग कर रहे थे। महाजन ने तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को बात रखने की अनुमति दी। इसके बाद कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समेत कई अन्य दल इस विषय को उठाने की मांग करने लगे।

इस पर महाजन ने कहा कि वह किसी को मुद्दा उठाने से मना नहीं कर रही हैं किंतु रोज-रोज एक ही बात कहना ठीक नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर सदस्य फिर भी इस विषय को उठाना चाहते हैं तो हो जाए, एक बार सभी लोग बोल लें और सबका पेट भर जाए। उन्होंने कहा कि हर चीज का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।

इसके बाद सुदीप बंदोपाध्याय, माकपा के मो. सलीम और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी बात रखी। विपक्ष के सदस्यों के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में दोहराया कि मॉब लिंचिंग मामले में गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। यह समिति चार सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। इसके अलावा सिंह की अगुवाई में एक मंत्री समूह गठित किया गया है, जिसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत शामिल हैं।

राजनाथ ने कहा कि उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट आने के बाद मंत्री समूह उस पर विचार करेगा और जरूरत पड़ी तो मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए कानून भी लाया जाएगा।

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