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सुप्रीम कोर्ट का मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर पर दिए यह निर्देश

तमिलनाडु का दावा, मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़ने पर नहीं आई केरल में बाढ़

Update: 2018-08-24 10:17 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर 31 अगस्त तक 139.99 फीट तक बनाकर रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने मुल्लापेरियार बांध के लिए गठित सब कमेटी को निर्देश दिया कि वे 31 अगस्त तक पानी का स्तर आदेश के मुताबिक बनाए रखने के लिए मानिटरिंग करते रहें। मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी।

आज सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने केरल सरकार के उस हलफनामे का विरोध किया जिसमें कहा गया है कि अचानक पानी छोड़ने की वजह से केरल में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 14-15 अगस्त के बीच केरल ने इडुक्की और इडामलैयार बांध से 36 टीएमसी पानी छोड़ा। तमिलनाडु ने केवल 15 अगस्त को 1.34 टीएमसी और 16 अगस्त को 2.02 टीएमसी पानी छोड़ा।

पिछले 23 अगस्त को केरल सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा कि मुल्लापेरियार बांध से अचानक पानी छोड़ने की वजह से ही केरल में बाढ़ आई। केरल सरकार ने कहा कि अब तक बाढ़ में 373 लोगों की मौत हो चुकी है और 32 लोग अभी भी लापता हैं।

केरल सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि मुल्लापेरियार बांध के 13 गेट खोलने की वजह से बाढ़ आई। केरल सरकार ने कहा कि बांध का गेट खोलने में तमिलनाडु की तरफ के बांध का जलस्तर 142 फीट होने को नजरअंदाज करने की वजह से स्थिति ज्यादा बिगड़ गई। हलफनामा में कहा गया है कि उसने तमिलनाडु सरकार को मुल्लापेरियार बांध का जलस्तर कम करने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया।

केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वो केंद्रीय जल आयोग के चेयरमैन के नेतृत्व में एक सुपरवाइजरी कमेटी का गठन करे। उस कमेटी में दोनों राज्यों के सदस्य शामिल हों। इस कमेटी को ऐसी आपदा की स्थिति में फैसला लेने का अधिकार हो। इसके साथ ही एक मैनेजिंग कमेटी का गठन हो जो सुपरवाइजरी कमेटी को अपने रोज के कामों की रिपोर्टिंग करे। 

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