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आईसीआईसीआई बैंक की एमडी व सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ सीबीआई की पीई हो सकती है प्राथमिकी में तब्दील

Update: 2018-09-10 04:41 GMT

नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक की एमडी व सीईओ चंदा कोचर की परेशानी बढ़ने वाली है क्योंकि उनके खिलाफ सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी जांच (पीई) की कार्रवाई प्राथमिकी में तब्दील हो सकती है। यह जानकारी सीबीआई के एक भरोसेमंद सूत्र ने दी है।

उल्लेखनीय है कि चंदा कोचर के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने पति दीपक कोचर के कारोबारी मित्र व वीडियोकॉन कंपनी के मालिक वेणुगोपाल धूत को एक्सिस बैंक से 3,250 करोड़ रुपये लोन लेने में मदद की।

इस बीच देश की लगभग सभी केंद्रीय एजेंसी व नियामक संस्था इस मामले की जांच कर रही है। आयकर विभाग ने कुछ दिनों पूर्व वेणुगोपाल धूत को पूछताछ के लिए बुलाया था। यहां तक कि इस मामले में आयकर विभाग दीपक कोचर को भी तीन दिनों तक पूछताछ के लिए बुलाता रहा। इसके बाद फिर इस मामले में दीपक कोचर के भाई राजीव कोचर से भी पूछताछ की थी। एक आरटीआई आवेदन के जबाव में दी गई जानकारी के मुताबिक आरबीआई ने भी कहा है कि वह इस मामले की जांच कर रहा है। उधर, बैंक प्रबंधन ने बढ़ते विवाद के बीच चंदा कोचर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है।

जानकारी के मुताबिक बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने माना था कि नियमानुसार चंदा कोचर व आईसीआईसीआई बैंक ने बाजार को वीडियोकॉन लोन की जानकारी नियामक को नहीं दी। इसको लेकर नियामक बैंक व चंदा कोचर के खिलाफ अधिनिर्णय कार्यवाही (एडजुडिकेटिंग प्रोसिडिंग) शुरू की थी।

दर असल इस मामले में चंदा कोचर पर कर्ज दिलाने में वीडियोकॉन कंपनी की मदद करने का आरोप है। हालांकि हाल में आयकर विभाग ने आईसीआईसीआई बैंक व वेणुगोपाल धूत की स्वामित्व वाली कंपनी वीडियोकॉन के बीच हुए एक रियल स्टेट सौदे के बारे में जांच शुरू की है। मुंबई स्थित 13 मंजिला भवन राधिका अपार्टमेंट्स जिसे पहले बैंक के स्टाफ के आवास के लिए उपयोग किया जाता था को जानकारी के मुताबिक धूत की एक फर्म को बेच दिया गया।

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