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गुलाम नबी आजाद ने कहा - मृत्यु के बाद भी अटल जी पक्ष-विपक्ष को एक साथ ले आए

Update: 2018-08-20 15:25 GMT

नई दिल्ली। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए सोमवार को कहा कि वे मृत्यु के बाद भी पक्ष-विपक्ष को सबको एकसाथ एक कमरे में जमा कर गए।

राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रार्थना सभा में गुलाम नबी आजाद ने कहा, आज तक मैंने कई सभाएं देखीं, श्रद्धांजलि अर्पित कीं। लेकिन ये सभा अपने आप में एक अद्भुत है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के लोग यहां आए हैं। विचारधाराएं अलग हैं। जब तक वे जीवित रहे, उनका प्रयास सबको साथ लेकर चलने का रहा। वे मृत्यु के बाद भी सबको एकसाथ जमा कर गए। बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, जो अपनी मौत के बाद भी दूरियों को कम करते हैं और वो आज स्टेडियम में नजर आ रहा है। मैंने पार्टी से हटकर उनकी सभाओं को सुना है। शायद इसीलिए मिर्जा गालिब ने कहा था- इतने शीरी हैं तेरे लब कि रकीब गालियां खाके बे-मजा न हुआ। अटल जी विरोध भी करते थे तो बुरा नहीं लगता था। हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पर रोती है, बड़ी मुश्किल से होता है, चमन में दीदावर पैदा।'

अटल जी का 16 अगस्त को निधन हो गया था। वो पिछले कई सालों से बीमार चल रहे थे। प्रार्थना सभा में वाजपेयी की बेटी नमिता भट्टाचार्या और उनकी पोती निहारिका और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा व सभी विपक्षी दलों के बड़े नेता मौजूद रहे। 

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