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भांग से तैयार की गई दवा से होगा कैंसर और मिर्गी का इलाज: आईआईआईएम

Update: 2018-11-24 15:18 GMT

नई दिल्ली। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंट्रीग्रेटिव मेडिसिन जम्मू (आईआईआईएम) की प्रयोगशाला ने भांग से कैंसर, मिर्गी और सिकल सेल रोग के उपचार की तीन दवाएं विकसित की हैं। इन दवाओं के पशुओं पर परीक्षण शुरू कर दिए गए हैं तथा मानव परीक्षण के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल से अनुमति मांगी गई हैं। यह जानकारी आईआईआईएम के निदेशक डॉ. राम विश्वकर्मा ने आज यहां दी।

उन्होंने बताया कि अमेरिका में भांग से इन तीनों बीमारियों के लिए पहले से ही दवाएं बनाई जा रही हैं। उसी तर्ज पर भारत भी भारतीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भांग से कैंसर और मिर्गी की दवा बनाने की दिशा में शोध कर रहा है। यह शोध सफलता की ओर भी बढ़ रहा है।

विश्वकर्मा ने बताया कि प्रयोगशाला में तैयार इन दवाओं का पशुओं पर परीक्षण चल रहा है। अब उन्होंने मनुष्य पर परीक्षण के लिए दवा नियंत्रक से अनुमति मांगी है। उन्होंने कहा कि भांग में एक तत्व सीबीडी (कैनाबिडिओल) होता है। उसी से उक्त दवाएं बनाई जा सकती हैं। विश्वकर्मा ने कहा कि अगर यह प्रयोग सफल रहा तो भांग की खेती कानूनी तरीके से करने पर भी सरकार को विचार करना होगा। 

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