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जन्मदिन विशेष : सामाजिक कार्यकर्ता से सीएम तक का सफर

Update: 2018-08-16 03:14 GMT

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का आज 50वां जन्मदिन है। अरविन्द केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के छोटे से गांव सिवानी में हुआ था। इनके पिता का नाम गोविन्द राम केजरीवाल है जो इलेक्ट्रिकल इंजिनियर थे और उनकी माता का नाम गीता देवी है। अरविन्द केजरीवाल ने अपना बचपन उत्तर प्रदेश के हिसार, सोनीपत एवं गाजियाबाद में व्यतीत किया। स्कूल की शिक्षा कैंपस स्कूल, हिसार से हुई है। सन 1989 में अरविन्द केजरीवाल ने आईआईटी खड़कपुर से मैकेनिकल इंजीनियर में डिग्री प्राप्त की। सन 1989 में टाटा स्टील कंपनी ज्वाइन कर ली और जमशेदपुर गए। केजरीवाल ने सिविल सर्विस की परीक्षा दी और उनकी मेहनत रंग लायी। उन्हें सन् 1995 में आयकर विभाग में जॉइंट कमिश्नर का पद मिला। अरविन्द केजरीवाल ने सन् 2000 में आयकर विभाग से 2 साल की छुट्टी ले ली और बिना वेतन के काम चलाया।

हम आपको बता दें कि इससे पहले वो एक सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं और सरकारी कामकाज में अधिक पारदर्शिता लाने के लिये संघर्ष किया। भारत में सूचना अधिकार अर्थात सूचना कानून के आन्दोलन को जमीनी स्तर पर सक्रिय बनाने, सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने और सबसे गरीब नागरिकों को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये सशक्त बनाने हेतु उन्हें वर्ष 2006 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने आम आदमी पार्टी के नाम से एक नये राजनीतिक दल की स्थापना की।

केजरीवाल ने समाज की सेवा के लिए "परिवर्तन" नाम की एनजीओ की स्थापना की। सन 2003 में अरविन्द केजरीवाल ने एक बार फिर आयकर विभाग ज्वाइन कर लिया और 18 महीने काम किया. केजरीवाल ने सन 2006 में आयकर विभाग से इस्तीफा दे दिया और पूरी तरह "परिवर्तन" संस्था में जुड़ गए। सन् 2011 में अरविन्द केजरीवाल अन्ना हजारे के साथ लोकपाल बिल पास करवाने की लड़ाई जुट गए। और यह अरविन्द केजरीवाल के जीवन का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट रहा। 2 अक्टूबर 2012 को अरविन्द ने अपनी पार्टी 'आम आदमी पार्टी' का निर्माण किया। सन 2013 में इस पार्टी ने दिल्ली विधानसभा में चुनाव लड़ा और दिल्ली की सत्ता पर काबिज शिला दीक्षित को हरा दिल्ली के मुख्यमंत्री बने।

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