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प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं को सौंपा अपना सोशल मीडिया अकाउंट

नारी सशक्तिकरण की दिशा में मोदी की अनूठी पहल महिला दिवस पर मोदी का अनूठा उपहार

Update: 2020-03-04 06:33 GMT

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर अपने निर्णयों से लोगों को हैरत में डालते रहे हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि जहां औरों की सोच खत्म होती है, वहां से उनकी सोच शुरू होती है। सोशल मीडिया पर उनके निर्णय ने फिर एक बार सबको चकित कर दिया। दो दिन पहले सोशल मीडिया छोड़ने की बात कहकर प्रधानमंत्री ने नई बहस को जन्म दिया था। लेकिन उसका स्पष्टीकरण हुआ तो लोगों के होश उड़ गए। कोई यह सोच पाया था कि उनकी सोच के आखिर क्या निहितार्थ हो सकते हैं? मोदी ने मंगलवार को जब स्पष्टीकरण दिया तो आशय यह निकला कि वे सोशल मीडिया का उपयोग नारी सशक्तिकरण की दिशा में करना चाहते हैं, सो इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का अपना अकाउंट बहनों को सुपुर्द कर दिया।

प्राचीन भारत में आतताई शासक घनानंद के साम्राज्य के तख्तापलट की तैयारी को अंजाम तक पहुंचाने से पहले आचार्य चाणक्य ने जनसंवाद को सशक्त माध्यम माना था। लोगों अच्छाई और बुराई के विभेद को समझाने के लिए तब चाणक्य ने लोगों के बीच उतरना उपयुक्त समझा। इस इसलिए ताकि वे समझ सकें कि घनानंद को लेकर लोगों की क्या राय है? आचार्य चाणक्य ने घनानंद का विकल्प चंद्रगुप्त मौर्य के रूप में तो बहुत पहले ढूंढ लिया था, लेकिन अभी जनसमर्थन हासिल कटना बाकी था। अखंड भारत की परिकल्पना का संकल्प लेकर आचार्य जब जनता के बीच उतरे तो देखते ही देखते उनके साथ बड़ा जनसमुदाय जुड़ गया। प्राचीन से लेकर आधुनिक भारत में जनसमर्थन को सत्ता प्राप्ति की बड़ी और महत्वपूर्ण ताकत के तौर पर देखा जाता रहा है। जनसमर्थन हासिल करने के लिए जनसंवाद एक सशक्त माध्यम है। देश, काल और परिस्थिति के हिसाब से फिर भले ही जनसंवाद के तरीकों में बदलाव होते रहे हों, वर्तमान में सोशल मीडिया जनसंवाद का सबसे सशक्त माध्यम बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला दिवस पर नारी सशक्तिकरण का अदभुत व अकल्पनीय प्रयोग करते हुए उन्होंने अपने सोशल मीडिया के अकाउंट को बहनों के हवाले करने का निर्णय किया है। यानी उनका अकाउंट अब बहनें मिलकर चलाएंगी। प्रयोग अनूठा होने के साथ-साथ जोखिम भरा भी है। क्या कोई व्यक्ति आमतौर पर अपना अकाउंट किसी दूसरे या अनजान व्यक्ति को सुपुर्द कर सकता है? लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा करके दिखाया कि उनका जीवन एक खुली किताब की तरह है।

प्रधानमंत्री मोदी 2009 से ही सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं और हर रोज तकरीबन एक घंटा सोशल मीडिया पर बिताते हैं। ट्विटर पर साढ़े पांच करोड़, इंस्टाग्राम पर पांच करोड़, फेसबुक पर साढ़े चार करोड़ और यू ट्यूब पर सबसे ज्यादा 45 करोड़ लोग उनके अनुगामी हैं। सोशल मीडिया पर उनके इतनी बड़ी संख्या में अनुगामी होना बताता है कि वे आज भी देश व दुनिया के सबसे बड़े लोकप्रिय नेता हैं। सुरक्षा कारणों से उनका संवाद वन-टू-वन हो पाना संभव नहीं, पर लोगों के बीच अपनी बात पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया उनका सशक्त माध्यम है। इसके जरिए प्रधानमंत्री मोदी करोड़ो लोगों की बातों को ग्रहण करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को भी हिदायत दी है कि वे सभी पहलुओं पर विचार करते हुए सोशल मीडिया का उपयोग करें। जिसमें सकारात्मकता, सटीकता और ईमानदारी झलके।

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