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राष्ट्रपति की आईआरएस अधिकारियों को सलाह, ईमानदार करदाताओं को हो कम से कम असुविधा

Update: 2018-08-30 16:36 GMT

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क सेवा के 68वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। यह एक परम्परा है कि केंद्रीय सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी क्षेत्र में जाने से पहले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात करते हैं।

इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजस्व सेवा के इन अधिकारियों से कहा कि वे अपनी ड्यूटी इस तरह करें, जिससे ईमानदार भारतीय करदाताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो और वे कर देने से हिचकिचायें नहीं। आपका काम करने का तरीका ऐसा हो कि ईमानदार करदाता भारत सरकार की कर प्रणाली में पूरा भरोसा रखे। उन्होंने कहा कि करदाता देश के निर्माण में आपका सहयोगी है। करदाताओं के साथ बातचीत से उन्हें असुविधा नहीं होनी चाहिए। जहां तक संभव हो यह डिजिटल हो और इसके लिए व्यक्तिगत संपर्क की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश ने देखा कि वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) सबसे व्यापक कर सुधार था। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2017 में जीएसटी पेश किया और इस नई कर प्रणाली को पूरे देश में लागू करने का काम भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क) को सौंपा गया। उन्होंने कहा कि यह संतोष का विषय है कि जीएसटी को प्रगतिशील कर संरचना में सफलता के साथ कार्यान्वित किया गया और इससे अर्थव्यवस्था और ईमानदार करदाताओं को लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि टैक्स सदियों से शासन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। प्राचीन काल में शासकों और साम्राज्यों का उनके द्वारा कर प्रणाली के प्रकार के आधार पर निर्णय लिया गया था। एक राष्ट्र की कर संरचना कुशल, ईमानदार और न्यायसंगत होनी चाहिए।  

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