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328 एफडीसी दवाओं पर सरकार ने लगाया प्रतिबंध

भारत में प्रति वर्ष 120,084 करोड़ की दवाएं बिक रहीं, जिसमें 56 हजार करोड़ की एफडीसी दवाएं

Update: 2018-09-17 13:33 GMT

नई दिल्ली। भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 328 एफडीसी या कॉकटेल या दो से अधिक दवाओं को मिलकर बनाई गयी एक दवा को बंद करने का आदेश दिया है। लेकिन यह भारत में बिक रही लगभग 56 हजार करोड़ रुपए की एफडीसी दवाओं का मात्र कुछ प्रतिशत है। एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए की इस तरह की दवाएं बिकती हैं ।

आल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क के अनुसार इस समय भारत में प्रतिवर्ष 01 लाख 20 हजार 84 करोड़ रुपये की दवाएं बिक रही हैं, जिसमें से जिन 328 एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है वह प्रतिवर्ष बिकने वाली कुल दवाओं की मात्र 1.8 फिसडी हैं, जिनकी कीमत लगभग 2,142 करोड़ रुपये है। लेकिन एक टेक्निकल पैनल ने जो रिपोर्ट दी है उसके अनुसार भारत में जितनी भी दवाएं बिक रही हैं उसमें से लगभग 56,000 करोड़ रुपये की यानि 46 फीसदी दवाएं एफडीसी वाली बिक रही हैं।

इस बारे में इसके लिए लड़ाई लड़ने वाले सारजन श्रीनिवासन का कहना है कि ड्रग रेगुलेटर्स को कड़ाई से इन नियमों का पालन करना चाहिए ताकि कोई दवा कम्पनी दो पेन किलर या दो एंटीबायोटिक या दो एंटी डायबिटीज दवाओं को मिलाकर एक दवा ना बना सके । क्योंकि इससे मरीजों को बहुत नुकसान होता है। 

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