छत्तीसगढ़ में ED की बड़ी कार्रवाई, भारतमाला घोटाला मामले में 9 ठिकानों पर रेड
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। भारतमाला प्रोजेक्ट में घोटाले की जांच करते हुए ईडी ने 9 ठिकानों पर रेड मारी है।
रायपुरः छत्तीसगढ़ में एक बार फिर घोटाला मामले में ईडी की टीम ने बड़ा एक्शन लिया है। टीम ने इस बार भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत हुए भूमि घोटाले के मामले में यह कार्रवाई की है। टीम ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर छापेमारी की है।
प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई मुआवजे के पेमेंट में की गई अनियमितताओं की जांच की गई है। यह जमीन का रायपुर से आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम तक रोड के लिए अधिग्रहण किया गया था।
इनके यहां की रेड
ईडी की तलाशी अभियान के दायरे में हरमीत सिंह खनूजा, उनके सहयोगियों, संबंधित अधिकारियों और भूमि मालिकों से जु़ड़े ठिकाने शामिल है।
प्रेस नोट में दी जानकारी
कार्रवाई को लेकर ईडी की तरफ से प्रेस नोट जारी किया गया है। इसमें बताया कि रायपुर जोनल कार्यालय द्वारा छत्तीसगढ़ के रायपुर और महासमुंद में कुल नौ परिसरों पर तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजा भुगतान से जुड़ी कथित अनियमितताओं की जांच के संबंध में की जा रही है।"
क्या है भारतमाला परियोजना
भारतमाला प्रोजेक्ट भारत सरकार की एक परियोजना है। इसमें 50 कॉरिडोर करके 550 जिला मुख्यालयों को कम से कम 4 लेन हाइवे से जोड़ना है। इससे रास्तों को इस तरह जोड़ना है कि 80 फीसदी माल ढुलाई को नेशनल हाईवे पर लाया जा सके। इस पूरे मामले की जांच में यह सामने आया कि जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में 43 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
आरोपियों ने कैसे किया घोटाला
जमीन घोटाले को बड़ी चतुराई से अंजाम दिया गया है। एसडीएम, पटवारियों और लैंड माफियाओं के एक सिंडिकेट ने पुरानी तारीख के दास्तावेजों के जरिए यह धोखा किया है। इस घोटाले के आरोपियों में 5 अधिकारी शामिल हैं। इनमें निर्भय कुमार साहू भी शामिल हैं। इन पर 43.18 करोड़ से ज्यादा के गबन का आरोप है। जमीन माफियाओं ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन को 159 प्लॉट में बांट दिया, जिससे उसका मूल्यांकन 29.5 करोड़ रुपए से बढ़कर 78 करोड़ रुपए हो गया।