दुर्ग रेलवे स्टेशन पर धर्मांतरण विवाद: 3 युवतियों को UP ले जाती पकड़ी मिशनरी सिस्टर्स, बजरंग दल का हंगामा
CG Religion Conversion Controversy : दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर 24 जुलाई 2025 को धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोपों को लेकर जमकर हंगामा हुआ। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दो मिशनरी सिस्टर (नन) और एक युवक को नारायणपुर की तीन आदिवासी युवतियों- कमलेश्वरी, ललिता और सुखमति- को आगरा ले जाने के दौरान पकड़ा। आरोप है कि इन युवतियों को नौकरी का झांसा देकर बेचने और धर्मांतरण के लिए ले जाया जा रहा था। यह मामला भिलाई थाना-3 के अंतर्गत दुर्ग जीआरपी चौकी का है।
ये है पूरा मामला
24 जुलाई की सुबह करीब 8:30 बजे, दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने देखा कि एक युवती रो रही थी। उसके साथ मौजूद युवक उससे कह रहा था, "तुम इतनी दूर आ गई हो, अब तुम्हें जाना ही होगा।" इस बातचीत से संदेह होने पर कार्यकर्ताओं ने दो मिशनरी सिस्टर- प्रीति और एक अन्य तथा युवक सुखमन मंडावी से पूछताछ की। पता चला कि वे नारायणपुर की तीन आदिवासी युवतियों को आगरा ले जा रहे थे।
बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद जीआरपी ने तीनों युवतियों, दो मिशनरी सिस्टर, और युवक को हिरासत में ले लिया। युवतियों को भिलाई सखी सेंटर में रखा गया है, जबकि मिशनरी सिस्टर और युवक से जीआरपी पूछताछ कर रही है।
नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें बरामद
बजरंग दल की प्रदेश संयोजिका ज्योति शर्मा ने बताया कि सुखमन मंडावी के पास तीन आधार कार्ड, एक डायरी, और 7-10 नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें मिलीं। डायरी में कई राज्यों के नाम और कुछ पादरियों के नंबर भी दर्ज थे, जिससे संदेह है कि यह एक बड़े धर्मांतरण और मानव तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। ज्योति शर्मा ने आरोप लगाया कि यह मामला केवल नौकरी दिलाने का नहीं, बल्कि युवतियों को बेचने और धर्मांतरण से जुड़ा है।
तीनों युवतियां नारायणपुर के ओरछा गांव की हैं। कमलेश्वरी प्रधान के जीजा अवस लाल धनेलिया ने बताया कि उन्होंने युवतियों को अज्ञात लोगों के साथ भेजने से मना किया था, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। उन्होंने कहा, "हम युवतियों को कहीं नहीं भेजना चाहते।" कुकराझर थाने से फोन आने पर उन्होंने युवतियों की वापसी की मांग की।
ओरछा थाना प्रभारी रॉबिनशन ने बताया कि परिजनों ने कोई गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी। परिजनों ने बताया कि युवतियां काम के लिए गई थीं, लेकिन उनके साथ कौन था, इसकी जानकारी नहीं थी।
पुलिस की कार्रवाई
हंगामे के बाद बजरंग दल के दुर्ग संयोजक रवि निगम और प्रदेश संयोजिका ज्योति शर्मा कार्यकर्ताओं के साथ जीआरपी चौकी पहुंचे। उन्होंने मिशनरी सिस्टर और युवक पर मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगाया। जीआरपी ने तीनों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस डायरी और अन्य बरामद सामग्री की जांच कर रही है ताकि इस नेटवर्क के अन्य कनेक्शनों का पता लगाया जा सके।