अब छत्तीसगढ़ में भी बतानी होगी पहचान: घुसपैठियों की तलाश में अभियान , हर घर और संस्थान में दस्तक देगी STF

Update: 2025-05-11 20:00 GMT

Chhattisgarh Campaign in search of infiltrators : रायपुर। छत्तीसगढ़ में भी अब संदिग्ध बंगलादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों की तलाश तेज होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आदेश पर पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किया है। सभी जिलों को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) गठित कर जांच कराने के लिए कहा गया है। टास्क फोर्स की सहायता से न केवल ऐसे तत्वों की पहचान की जाएगी, बल्कि उन्हें राज्य से निष्कासित करने की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।

पत्र के माध्यम से सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में आवश्यकतानुसार विशेष अभियान चलाकर कानून सम्मत, वैज्ञानिक और प्रभावी तरीकों से अवैध अप्रवासियों की पहचान सुनिश्चित करें। अफसरों के अनुसार पुलिस की टीम श्रमिक बस्तियों और झुग्गियों के साथ ही सभी संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर एक-एक व्यक्ति के पहचान पत्र की जांच करेगी। बता दें कि इस तरह का अभियान नई दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में चलाया जा चुका है। राज्य में भी रायपुर और दुर्ग समेत कुछ और बड़े जिलों में इस तरह के अभियान चलाए जा चुके हैं। इसमें कई संदिग्ध पकड़े गए थे।

बाहरी ठेका श्रमिकों पर खास नजर

अफसरों के अनुसार राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ठेकेदारों के माध्यम से बाहर से आए श्रमिक कार्यरत हैं। इनके दस्तावेजों का समुचित जांच और सत्यापन नहीं हो पाने के कारण यह आशंका प्रकट की जा रही है कि कई अवैध अप्रवासी भी इन्हीं माध्यमों से राज्य में निवास कर रहे हैं। ऐसे श्रमिकों का ठेकेदारों के माध्यम से अनिवार्य रूप से सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

दस्तोवजों का भी सत्यापन

पीएचक्यू से जारी निर्देश में कहा गया है कि फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पहचान पत्र प्राप्त करने वालों की पहचान कर उनके विरुद्ध विधिसम्मत सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त, राशन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड आदि दस्तावेजों का त्वरित सत्यापन कराना भी अनिवार्य किया गया है। जिला स्तर पर संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर नियमित रूप से इस संबंध में समीक्षा भी की जाएगी।

इस कारण जारी हुआ है निर्देश

इसी साल फरवरी में रायपुर में तीन बंगलादेशी पकड़े गए थे। टिकरापारा के मिश्रा बाड़ा ताजनगर से पकड़े गए तीनों आरोपी फर्जी दस्तावेज जिनमें आधार और पैनकार्ड भी शामिल था, बनवा रखा था। इसी तरह दुर्ग में भी करीब 20 से ज्यादा संदिग्धों की पहचान की गई थी।

सरगुजा संभाग में बड़े पैमाने पर रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने की शिकायतें पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में मिली थी। अंबिकापुर नगर निगम की सामान्य सभा में यह मुद्दा उठा था। तब के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने भी सरकार को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की थी।

वापस भेजे जा चुके हैं 850 बंगलादेशी

राज्य में अब तक करीब 850 बंगलादेशियों की पहचान करके उन्हें वापस भेजा जा चुका है। इनमें लगभग 500 बस्तर संभाग और 350 कवर्धा जिला में पकड़े गए थे। यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसे तत्व न केवल नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि गंभीर सुरक्षा चुनौतियां भी उत्पन्न करते हैं। इसके रोकथाम के लिए प्रत्येक जिले में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। अवैध दस्तावेज बनाने वाले एवं बिना वैध दस्तावेज वाले व्यक्तियों को लाने में संलग्न अनेक ठेकेदार, टेंट व्यवसायी, कबाड़ी आदि का काम करने वाले लोग, जो छोटे लाभ कमाने के लिए इस कृत्य में संलग्न है, उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।

विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री (गृह मंत्री)

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