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बापू ने रचनात्मक कार्यों की शृंखला खड़ी की

Update: 2018-10-02 14:23 GMT

पटना/स्वदेश वेब डेस्क। किसी से कोई काम करने का करने के पहले गांधी जी खुद उस पर अमल करते थे। स्वच्छता को लेकर गांधी जी हमेशा सजग रहते थे। आज गांधी जी के स्वच्छता अभियान को अपनाने की जरूरत है। इसकी शुरुआत हम खुद अपने से कर सकते हैं। हर घर में शौचालय का निर्माण करें और गंदी चीजें यहां वहां नहीं फेंके। गंदगी को डस्बीन में ही डाले। ये बातें उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ज्ञान भवन के बाबू सभागार में मंगलवार को गांधी जी की 150 जयंती कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुये कही।

उन्होंने कहा कि गांधी जी ने रचनात्मक कार्यों की शृंखला खड़ी कर दी थी | इंसान में इतनी अधिक उर्जा हो सकती है सोचकर आश्चर्य होता है। छुआछूत के खिलाफ उन्होंने जबरदस्त अभियान चलाया। मंदिरों का दरवाजा सभी के वास्ते खोलने के लिए उन्होंने संघर्ष किया। यहां तक कि कुष्ठ रोगियों की भी सही तरीके से देखभाल करने और सामाजिक रूप से उनका बहिष्कार न करने के लिए उन्होंने मुहिम चलाई थी।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दलितों को आरक्षण दिलाने में भी उन्होंने बाबा भीम राव अंबेडकर के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि अंग्रेज फूट डालो और राज्य करो की नीति पर चल रहे थे। वे लोग दलितों के लिए अलग निर्वाचन व्यवस्था करना चाहता था। इसके तहत दलित उम्मीदवार को सिर्फ दलित मतदाता ही वोट कर सकते थे। गांधी जी ने इसका विरोध किया था ।

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि खादी और चरखा से गरीबी का बोध होता था लेकिन गांधी ने इसे अहिंसा और स्वावलंबन से जोड़कर देश में एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि जिस दिन देश आजाद हुआ था उस दिन गांधी कोलकत्ता के नोआखली में सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित करने में लगे हुये थे। यहां तक कि दंगाइयों को शांत करने के लिए आमरण अनशन पर बैठ गये थे। वह सांप्रदायिक सौहार्द के पक्षधर थे। सुशील कुमार मोदी ने लोगों से गांधी जी के बारे में अधिक से अधिक पढ़ने की अपील करते हुये कहा कि गांधी पर जितना हो सकता है पढ़ें। उन्होंने कहा कि अबतक गांधी जी पर जितना कार्यक्रम बिहार में चलाया गया है उतना कहीं भी नहीं चला है।

इस अवसर पर गांधी संग्रहालय के सचिव डॉ. रजी अहमद ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह एक ऐतिहासिक घटना थी। भारतीय स्वतंत्रतता आंदोलन का वह ब्लू प्रिंट था। चंपारण सत्याग्रह की आगे चलकर गांधी जी के रचनात्मक कार्य का आधार बना।

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