Home > Archived > दूर तक जाएगी मोदी के भाषण की गूंज

दूर तक जाएगी मोदी के भाषण की गूंज

दूर तक जाएगी मोदी के भाषण की गूंज
X


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यापक लक्ष्यों को ध्यान में रखकर चलते हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब देते समय मोदी का यही अंदाज दिखाई दिया। जवाब तात्कालिक चर्चा के थे। किंतु इसका असर दूर तक जाएगा। आगामी लोकसभा चुनाव तक इसकी गूंज सुनाई दे तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसे लगा होगा कि इन हमलों के बाद सरकार बैकफुट पर आ जायेगी। लेकिन हुआ इसका उल्टा। कांग्रेस खुद कठघरे में आ गई। मोदी के भाषण का दो हिस्सों में विश्लेषण किया जा सकता है। एक में उन्होंने कांग्रेस के सवालों का जवाब दिया। इसमें उनकी विफलता की कहानी भी थी। इसमें यह कोशिश की गई कि कांग्रेस को अनेक मुद्दे उठाने का नैतिक अधिकार ही नहीं है। इनमें प्रजातन्त्र, ईमानदारी, सरकार की कार्यशैली, आमजन के कल्याण आदि। भाषण के दूसरे हिस्से में मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई। यह साबित किया कि विकास के मामले में कांग्रेस बहुत पीछे थी। अनेक विषयों पर तो इस सरकार की गति कांग्रेस के मुकाबले दोगुनी रही है।
वस्तुत: धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को विशेष अवसर प्रदान करती है। दोनों संसद में अपनी बात विस्तार से रखते हैं। राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार के पक्ष को उजागर करता है। सत्ता पक्ष धन्यवाद प्रस्ताव के पक्ष में विचार रखता है। विपक्ष इसी को लेकर सरकार पर हमला बोलता है।

इस बार कांग्रेस ने अपने तरकश के सभी तीर निकाल लिए थे। संसद के भीतर ही नहीं बाहर तक उनकी बौछार की गई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी समय राफेल विमान समझौते को लेकर सरकार पर आरोप लगाया। संसद के दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष सरकार पर हमलावर थे। इतना ही नहीं इस बार शायद कांग्रेस के सामान्य सदस्यों को भी खास निर्देश दिए गए थे। शायद पहली बार किसी प्रधानमंत्री के जवाब देते समय लगातार हंगामा किया गया। मोदी पन्द्रह वर्षों से राजनीतिक हमले झेलने के अभ्यस्त हैं। शायद यही कारण है कि वह विचलित हुए बिना अपनी बात सहजता से कहते गए। हास्य व्यंग्य के मौके भी उन्होंने हाथ से जाने नहीं दिए।

कांग्रेस की सांसद रेणुका चौधरी को व्यंग्य का अंदाज बहुत भारी पड़ा। मोदी जब बोले तो कांग्रेस के तीर एक एक कर धराशाई होते गए। यह सही है कि मोदी ने राफेल पर राहुल गांधी के कथित आरोपों का जवाब नहीं दिया। शायद उनका सोचना था कि राहुल के आरोपों के जवाब देने को रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ही बहुत हैं। मोदी का सोचना सही था। सेना की तरफ से बताया गया कि राफेल समझौते में कुछ भी गलत नहीं हुआ। जहाँ तक समझौते का विवरण देने का मामला है तो इसमें यूपीए की व्यवस्था ही लागू है। राहुल को पता होना चाहिए कि उनकी यूपीए सरकार के रक्षा मंत्री एके एंटोनी ने इसी आधार पर रक्षा सौदे की जानकारी देने से इनकार कर दिया था। ऐसे में बेहतर यही होता कि राहुल गांधी इस विषय पर सवाल न उठाते। कांग्रेस को ऐसे सवाल कोई लाभ नहीं दे सकते। यह सोचना गलत होगा कि मोदी पर आरोप लगाने से कांग्रेस के दामन पर लगे दाग धुल जायेंगे। मोदी तो विदेश यात्रा में भारत के खजाने से कम धन खर्च हो, इसके लिए वह होटलों की जगह विमान में ही विश्राम को वरीयता देते हैं। मोदी की विश्वसनीयता ऐसे आरोपों से धूमिल नहीं हो सकती। समझौता तो यूपीए के समय होना चाहिए था। लेकिन वह विफल रही। कई वर्षों के विलंब से मूल्य बढ़े। इसके अलावा उसमें रखरखाव, सुधार, भारतीय जलवायु के अनुकूल बनाने के उपाय, कलपुर्जे के दाम भी शामिल हुए। इसी दौरान फ्रांस ने कुछ अन्य देशों को यह विमान बेचे। इनके दाम भारत को बेचे गए विमानों से अधिक थे। मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां बताने के लिए इस अवसर का बेहतर उपयोग किया। उन्होंने सिलसिलेवार अपनी बात रखी।

बीदर रेल लाइन को वाजपेयी सरकार ने मंजूर किया था। बीदर रेल लाइन पर कांग्रेस ने कोई काम नहीं किया। बीदर रेल लाइन और बाड़मेर रिफाइनरी को पूरा किया। एक सौ चार सेटेलाइट छोड़ने का काम किया। देश की सबसे लम्बी सुरंग पर काम किया। सबसे लम्बी गैस पाइप लाइन पर काम किया। देश में दोगुनी रफ्तार से सड़कें बन रही हैं। करोड़ों शौचालय देश में बन रहे हैं। ईपीएफ में सत्तर लाख नए नाम दर्ज किये गए। बिचौलियों पर लगाम लगाई गई। आधार की वजह से बेईमानों का रोजगार जरूर बन्द हुआ। बिजली के लिए चार चरणों में काम पूरा किया। नीम कोटेड यूरिया से खाद की चोरबाजारी रोकी गई। जीएसटी आधार और तीन तलाक पर कांग्रेस खेल रही है। मध्य वर्ग को बारह करोड़ रुपये का नया फायदा दिया गया। इकत्तीस करोड़ लोगों के जनधन खाते खोले। गरीबों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ क्रांतिकारी कदम है। ग्यारह शहरों में मेट्रो की सुविधा दी गई। अठारह लाख करोड़ बैंकों ने कर्ज लिया था। जबकि बावन लाख करोड़ बैंकों को दिया था। कांग्रेस ने एनपीए बत्तीस फीसदी बताया, जबकि बयासी फीसदी एनपीए कांग्रेस ने दिया था। कांग्रेस सरकार में एलईडी बल्ब क्यों महंगा था। तब इसकी कीमत तीन सौ पचास थी, अब घटकर चालीस रुपये हो गई। कतर और आस्ट्रेलिया से भी गैस खरीदने में धांधली की गई।

कांग्रेस ने लूट की खुली छूट दी। वर्तमान सरकार ने इस समझौते से धांधली को दूर किया। इससे बारह हजार करोड़ रुपये की बचत हुई। डोकलाम विवाद के वक्त चीनियों से राहुल का बात करना गलत था। इससे विदेशों में गलत संदेश गया। लोगों ने सोचा होगा कि भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में भी मतभेद है। राहुल ने विदेशों में देश को बदमान किया। लोकतंत्र झूठे आरोप कहने का हक नहीं देता। जाहिर है कि नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की दुखती नशों पर हाथ रखा है। उनके भाषण में आत्मविश्वास था। इसके बल पर उन्होंने बता दिया कि भविष्य में वह विपक्ष के सभी हमलों का मुकाबला करने को तैयार हैं। उनकी सरकार को शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा। वहीं कांग्रेस को ही कठघरे में रहना होगा।

(लेखक वरिष्ठ चिंतक और विचारक हैं)

Updated : 9 Feb 2018 12:00 AM GMT
Next Story
Top