ईस्ट पार्क एवेन्यू में भूखण्ड खरीदने वालों को झटका
न्यूट्रिक के डायरेक्टरों में विवाद, एक डायरेक्टर ने कोर्ट से दिलवाए नोटिस
ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। शहर की टाउनशिप चलाने वाली प्रसिद्ध न्यूट्रिक डेवलपर्स लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टरों में विवाद उठ खड़ा हुआ है। इनमें से एक डायरेक्टर ने ईस्ट पार्क एवेन्यू में भूखण्डों को गलत तरीके से विक्रय करने पर दूसरे डायरेक्टरों के साथ खरीददारों को कोर्ट की दहलीज पर ला खड़ा किया है। इस पर अदालत ने भूखण्ड खरीदने वाले 29 लोगों को नोटिस जारी किए है। इस मामले में सुनवाई की तिथि 9 मार्च 2018 निर्धारित है। यहां बता दे कि ईस्ट पार्क एवेन्यू शहर की सबसे महंगी कॉलोनियों में एक है। वर्तमान में यहां पांच से सात हजार रुपए वर्गफीट की दर चल रही है। ऐसे में भूखण्ड खरीदने वाले भयभीत हैं, क्योंकि उन्होंने वर्ष 2013 में पूरे पैसे अदाकर भूखण्ड खरीदे थे। अब वे न्यूट्रिक के डायरेक्टर आरडी गुप्ता के यहां चक्कर लगा रहे है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार न्यूट्रिक डेवलपर्स लिमिटेड के डायरेक्टर एवं अधिकृत प्रतिनिधि संजय सचेती ने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में एक वाद दायर किया है, जिसमें 29 भूखण्ड खरीददारों को पक्षकार बनाया गया है। वाद में कहा गया है कि वादी की कंपनी द्वारा अपने स्वत्व एवं स्वामित्व की भूमि सर्वे क्रमांक 345, 347, 348, 354 ग्राम औहदपुर में खरीदकर ईस्ट पार्क एवेन्यू नाम से कॉलोनी विकसित की गई है। जिसमें एनआर सारडा कंपनी के मैनेजर के साथ डायरेक्टर आरडी गुप्ता के करीबी होकर लेखापाल भी है। कंपनी द्वारा राजेन्द्र सचेती एवं आरडी गुप्ता को भूखण्डों के विक्रय हेतु अधिकृत किया गया था। लेकिन एनआर सारडा द्वारा भूखण्डों का सम्पादन मनमाने तौर पर कर दिया तथा अवैध कृत्य एवं अनियमितताएं की जाने लगी। इस कारण डायरेक्टर राजेन्द्र सचेती, सुनील सचेती, संजय सचेती, पुरुषोत्तम गुप्ता ने 8 जनवरी 2013 को बहुमत से प्रस्ताव पारित कर शारडा को भूखण्ड विक्रय के लिए अपात्र घोषित कर दिया।
जिसकी सूचना सभी डायरेक्टरों के अलावा उपपंजीयक नजरबाग मार्केट व थाटीपुर को भी दी गई। अक्टूबर 2017 में वादी को पता लगा कि सारडा द्वारा कंपनी के भूखण्डों का विक्रय छल पूर्वक किया जा रहा है। इस पर वादी ने 29 लोगों के हित में सम्पादित विक्रय पत्रों की प्रति प्राप्त की जो 9 नवम्बर 2017 को प्राप्त हुई। जिसमें पता लगा कि विक्रय पत्रों का सम्पादन निर्धारित कलेक्टर दर से कम मूल्य पर किया गया है। जिसमें कंपनी को आर्थिक छति हुई यह कृत्य छल एवं धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।
8 करोड़ का है वाद मूल्य
अदालत में इन भूखण्डों का मूल्य 8 करोड़ 15 लाख रुपए आंकते हुए 1.52 लाख रुपए की फीस जमा की गई है। वहीं सूत्रों का कहना है कि उक्त कॉलोनी के सभी प्लाट 21 सौ वर्ग फीट या उससे अधिक के है। इस लिहाज से एक-एक भूखण्ड की कीमत एक करोड़ से अधिक है। खरीददारों में से कुछ ने तो निर्माण की अनुमति लेकर बंगले तक बना लिए है।
इन्हें मिले नोटिस
एनआर सारडा पुत्र स्व. बीएल शारडा निवासी सिल्वर स्टेट, अंकित सिंघल पुत्र पवन निवासी जीवाजी गंज, राजेन्द्र सिंह पुत्र स्व. राम सिंह, निवासी माधव नगर, संजीव त्रिपाठी पुत्र एस के त्रिपाठी मुरार, मुकेश भोजवानी पुत्र जमुनादास भोजवानी निवासी विजय नगर, रमाकांत गुप्ता पुत्र बैजनाथ गुप्ता निवासी चन्द्र नगर, संजय माथुर पुत्र जगदीश माथुर निवासी मुरार, डॉ. राजेश गुप्ता पुत्र आर के गुप्ता निवासी सिल्वर स्टेट, डॉ. सपना गुप्ता पत्नी डॉ. राजेश गुप्ता निवासी सिल्वर स्टेट, आशा गुप्ता पत्नी रमाकांत गुप्ता निवासी चन्द्र नगर, सोम्यता जैन पत्नी मनोज जैन निवासी बसंत बिहार, वीरा लोहिया पत्नी डॉ. प्रकाश लोहिया निवासी जिंसी नाला नं. 3, राहुल गुप्ता पुत्र रामनिवास गुप्ता निवासी जीवाजी नगर, अंकित गुप्ता पुत्र रामनिवास गुप्ता जीवाजी नगर, यश शर्मा पुत्र राहुल दंत शर्मा निवासी सिल्वर स्टेट, आकाश शर्मा पुत्र वीके शर्मा निवासी सुरेश नगर, राजेन्द्र शर्मा पुत्र हजारीलाल शर्मा निवासी तुलसीबिहार, सरोज शर्मा, पत्नी राजेन्द्र शर्मा तुलसीबिहार, अतुल अग्रवाल पुत्र स्व. केशवदास निवासी डीडवाना ओली, अंजली पत्नी अतुल अग्रवाल डीडवाना ओली, आशीष सरीन पुत्र हरीश सरीन न्यू सिटी सेन्टर, अशोक गोयल पुत्र तोताराम गोयल निवासी चेतकपुरी, पीयूष गोयल पुत्र सत्यप्रकाश गोयल चेतकपुरी, भगवानदास प्रजापति पुत्र किशनलाल जहांगीर कटरा ग्वालियर, भारती प्रजापति पत्नी भगवानदास प्रजापति जहांगीर कटरा, राजेन्द्र पुत्र राम सिंह अलकापुरी, आशीष पुत्र हरीश सरीन सिटी सेन्टर और राजेन्द्र सिंह पुत्र राम सिंह सिटी सेंटर के नाम शामिल हैं।
इनका कहना है
ईस्ट पार्क एवेन्यू में हमने नहीं कंपनी ने भूखण्ड बेचे है। आप आॅफिस आकर बात कर लें। राहुल गुप्ता, डायरेक्टर न्यूट्रिक डेवलपर्स लिमिटेड हां हमें कोर्ट से नोटिस मिला है, हमने पूरे पैसे देकर भूखण्ड खरीदा है। यह डायरेक्टरों की आपसी लड़ाई है।
डॉ. राजेश गुप्ता, भूखण्ड क्रेता