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कौन सी दुनिया में रहते हो, तुम्हें यही नहीं पता आज छुट्टी है

कौन सी दुनिया में रहते हो, तुम्हें यही नहीं पता आज छुट्टी है
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बिना उपचार दिए लौटाए मरीज, अस्पताल में रहा अलर्ट

ग्वालियर, न.सं.। राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के दौरे के कारण रविवार को जयारोग्य चिकित्सालय भी अलर्ट पर रहा। इस दौरान अस्पताल में सफाई व्यवस्था से लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी गई, साथ ही चिकित्सक भी मौजूद रहे, लेकिन अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे मरीजों को वापस लौटना पड़ा। रविवार को दोपहर एक बजे सियाराम आदिवासी अपनी पत्नी मीना को लेकर कैजुअल्टी में उपचार के लिए लेकर पहुंचा था। सियाराम ने कैजुअल्टी में मौजूद चिकित्सक को बताया कि उसकी पत्नी के पैरों में सूजन आ रही है। इस कारण वह चल भी नहीं पा रही है और असहनीय दर्द से बार-बार बिलख रही है। इस पर चिकित्सक ने कहा कि तुम कौन सी दुनिया में रहते हो। तुम्हें यही नहीं पता है कि आज छुट्टी है। यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है, इसलिए कल आकर ओपीडी में दिखाना। सियाराम ने चिकित्सक से बिनती करते हुए कहा कि साहब मैं गांव से आया हूं। मुझे पता नहीं था कि आज छुट्टी है, लेकिन चिकित्सक नहीं माने। इस कारण उसे मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। इसी प्रकार अन्य कई मरीज भी बिना उपचार के ही वापस लौट गए।

सुरक्षा कर्मियों ने नहीं बांटने दिया खाना, भूखे रहे अटेण्डर

जयारोग्य चिकित्सालय में रविवार को राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए समाजसेवी संस्थाओं को भोजन वितरित भी नहीं करने दिया गया। अस्पताल में भोजन वितरण करने पहुंचे संस्थाओं के कार्यकर्ताओं को वी.बी.जी. एजेंसी ने बाहर का रास्ता दिखाते हुए अस्पताल प्रबंधन से अनुमति लेकर आने की बात कही, जबकि अस्पताल में कई संस्थाएं ऐसी भी हैं, जो पिछले सात वर्षों से अस्पताल में यह दान पुण्य का काम कर रही हैं। जयारोग्य अस्पताल में कई समाजसेवी संस्थाएं मरीजों के अटेण्डरों को नि:शुल्क भोजन वितरित करती हैं, जिसके चलते ऐसे अटेण्डर, जिनके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं, वह पूरी तरह संस्थाओं पर ही निर्भर रहते हैं, लेकिन रविवार को भोजन वितरण करने पहुंचे संस्थाओं के कार्यकर्ताओं को को वी.बी.जी. एजेंसी के सुरक्षा कर्मियों ने भोजन बांटने से मना कर दिया। इस कारण अटेण्डरों को भूखे ही रहना पड़ा। इस संबंध में सुरक्षा एजेंसी के सुपरवाईजर परवेज खान का कहना है कि अस्पताल अधीक्षक डॉ. जे.एस. सिकरवार द्वारा उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि अस्पताल में संस्थाओं के लिए भोजन वितरण केन्द्र बनाए गाए है, जहां उन्हीं संस्थाओं को भोजन वितरित करने दिया जाए, जिन्हें संभाग आयुक्त या अस्पताल प्रबंधन की अनुमति प्राप्त हो, इसलिए संस्थाओं अनुमति लेने के लिए कहा गया है, जबकि इस मामले में संस्था के सदस्य विजय नंदवानी का कहना है कि वह वर्ष 2011 से भोजन वितरण कर रहे हैं। अगर अस्पताल प्रबंधन को कोई परेशानी थी तो वह हमसे कहते तो हम अनुमति ले लेते। हमसे सात वर्ष पूर्व डॉ. कमल भदौरिया ने नि:शुल्क भोजन वितरण करने के लिए कहा था, इसलिए हम यह कार्य कर रहे हैं, लेकिन अब दान पुण्य के लिए भी अनुमति लेना पड़ेगी। यह समझ से परे है। इसकी शिकायत वह संभाग आयुक्त से करेंगे।

Updated : 12 Feb 2018 12:00 AM GMT
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