भारतीय सोच और चिंतन में है विश्व की सभी समस्या का हल: सीएम शिवराज

भारतीय सोच और चिंतन में है विश्व की सभी समस्या का हल: सीएम शिवराज

इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में फ्रेण्ड्स ऑफ एमपी कॉन्क्लेव के दूसरे दिन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने 23 देशों से आए अप्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा विश्व की सभी समस्याओं का हल भारतीय सोच और चिन्तन के जरिये किया जा सकता है। यह गर्व का विषय है कि अप्रवासी भारतीय आज भी विदेशों में भारत के जीवन मूल्यों और संस्कृति को जीवित रखे हुए हैं। कार्यक्रम में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, नगर निगम की महापौर मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़, मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एनआरआई की समस्याओं के निराकरण के लिये एक सेल बनाया जायेगा। फ्रेण्ड्स ऑफ एमपी के सदस्यों द्वारा विदेशों में उल्लेखनीय कार्य करने पर उन्हें मध्यप्रदेश रत्न से सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने अप्रवासी भारतीयों से कहा कि वे मध्यप्रदेश से जुड़ें रहें, हम उन्हें पूरा स्नेह और प्यार देंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निरन्तर कार्य कर रहे हैं। उनके साल 2022 तक न्यू इंडिया बनाने के संकल्प के साथ ही मध्यप्रदेश को भी न्यू मध्यप्रदेश बनाने के प्रयास जारी है। आज मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ता विकसित राज्य है। पिछले 12 वर्ष में प्रत्येक क्षेत्र में विकास के अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। प्रदेश की विकास दर में तेजी से वृद्धि परिलक्षित हुई है। कृषि के प्रत्येक क्षेत्र में उत्पादन लगातार बढ़ा है। फल और सब्जी का भी बहुल उत्पादन हो रहा है। राज्य में खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने अतिथियों को बताया कि बिजली उपलब्धता में मध्यप्रदेश अब पॉवर सरप्लस स्टेट बन चुका है। प्रदेश अब दूसरे राज्यों को बिजली दे रहा है। रीवा में 750 मेगावाट सोलर पावर प्लांट तैयार हो रहा है। भोजन पकाने में सोलर एनर्जी के उपयोग के प्रयास किये जा रहे हैं। क्षिप्रा को नर्मदा से जोडऩे के बाद अब जहाँ कम पानी है, वहाँ पानी पहुंचाने की दिशा में प्रदेश अग्रसर है। प्रदेश में जहाँ 7.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती थी, वह अब बढक़र 40 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। प्रदेश के शहरों के स्वरूप को बदलने की लगातार कोशिश हो रही है। अगले दो-तीन साल में शहरों के विकास पर 83 हजार करोड़ की धनराशि खर्च होगी। सडक़, पानी, रोजगार सहित सभी क्षेत्र में प्रदेश आगे बढ़ रहा है। खेती को फायदे का धंधा बनाने की सुविधाओं में निरन्तर विस्तार हुआ है। किसानों को 0 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें फसल का वाजिब मूल्य दिलवाने के लिये भावान्तर योजना लागू की गई है।

मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण में उल्लेखनीय कार्यों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि बेटी बचाओ अभियान, लाड़ली लक्ष्मी योजना, साइकिल वितरण, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अलावा बालिकाओं की पढ़ाई के लिये वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने में राज्य सरकार अग्रणी रहा है। महिलाओं को स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही वन विभाग को छोडक़र शेष में नौकरी के लिये 33 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा मुहैया कराई गई है। बच्चों के पोषण आहार का कार्य भी अब महिलाओं के स्वसहायता समूह को सौंपा गया है। गरीबों के कल्याण की ओर भी राज्य सरकार का पूरा ध्यान है। मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य बन चुका है, जहाँ सभी प्राणियों के अलावा पशु, वृक्ष और नदियों को भी बराबर महत्व दिया गया है। अब प्रदेश का कोई भी गरीब बिना भूखण्ड का नहीं रहेगा। वर्ष 2022 तक सभी गरीबों को पक्का मकान उपलब्ध करवाने के प्रयास होंगे। 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिये लगने वाली फीस राज्य सरकार वहन कर रही है। युवाओं को उद्योगों से जोडऩे के लिये मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना लागू की गई है। अब प्रदेश में युवा उद्यमी तैयार हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने विदेशों में रह रहे अप्रवासी युवाओं से कहा कि जब वे विदेश में सफल हो सकते हैं तो उन्हें प्रदेश और देश के लिये भी योगदान करना चाहिये। मध्यप्रदेश सरकार की कोशिश है कि जो उद्यमी विदेशों में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं, उन्हें मध्यप्रदेश से जोड़ा जाये। मुख्यमंत्री ने भारतीय संस्कृति से जुड़े अप्रवासी भारतीयों से उनके बच्चों को भी मध्यप्रदेश भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि फ्रेण्ड्स ऑफ एमपी कॉन्क्लेव का उद्देश्य वार्षिक कार्ययोजना बनाकर प्रदेश हित में बेहतर कार्य करने का है। इसमें अप्रवासी भारतीयों के सुझाव लिये जायेंगे। कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री ने विदेशों में प्रदेश का नाम रोशन तथा उल्लेखनीय कार्य करने वाले अप्रवासी सर्वश्री सतिन्दर सिंह रेखी, जितेन्द्र सिंह मुछाल, राजेश अग्रवाल, जी.एस. सरिन, सी.पी. गुरनानी, अनुराग असाटी और सुनील नायक को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने अप्रवासी भारतीयों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दिये तथा सुझावों को कॉन्क्लेव के निष्कर्ष में शामिल करने की बात कही। एनआईआई कम्युनिटी द्वारा मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

महापौर मालिनी गौड़ ने बताया कि देश के स्वच्छ शहरों में इंदौर प्रथम स्थान पर रहा है, इस उपलब्धि को आगे भी जारी रखने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा नगरीय विकास के लिये जो योजनाएँ चलाई जा रही हैं, उन पर इंदौर में तेजी से अमल हो रहा है। इंदौर को विश्व स्तरीय शहर की श्रेणी में लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस अवसर पर प्रमुख सचिव लोक निर्माण मोहम्मद सुलेमान एवं प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं जनसम्पर्क एस.के. मिश्रा भी उपस्थित थे। प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सुहासिनी जोशी ने मध्यप्रदेश गान प्रस्तुत किया।

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