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करोड़ों से डूब रहे कारोबारी, उठा व्यापार से विश्वास

करोड़ों से डूब रहे कारोबारी, उठा व्यापार से विश्वास
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ग्वालियर। नोटबंदी और जी.एस.टी के कारण व्यापार जगत भारी उलझनों से गुजर रहा हैं, वहीं हुण्डी और उधार पैसा लेकर कारोबार करने वाले कई व्यापारी लाखों-करोड़ों रुपए से डूब रहे हैं, ऐसे में मात्र आवाज पर चलने वाले विश्वास के व्यापार का खात्मा हो चला है। हाल ही में मालनपुर स्थित बीपी फूड संचालक व्यापारियों के करोड़ों रुपए पचाकर चंपत हैं, वहीं दालबाजार का एक गल्ला व्यापारी 20-25 करोड़ से डूब गया है। उधर हुजरातपुल पर एक दवा कारोबारी भी उधारी के लाखों रुपए दवाए बैठा है।

ईमानदारी के व्यापार में सट्टा और एमसीएक्स ने कई व्यापारियों के बोरिया-बिस्तर बंधवा दिए थे, इसी कड़ी में हुण्डी और उधारी का कारोबार अब बुरी तरह दम तोड़ रहा है। दालबाजार में एक गल्ला कारोबारी व्यपारियों से उधारी के 20 से 25 करोड़ रुपए वापस नहीं कर रहा, उसका तर्क है कि उसने बी.पी. फूड और बाबू अशोक को करोड़ों का गेहूं बेचा, लेकिन ये दोनों मेरा पैसा वापस नहीं दे रहे। इस मामले में दालबाजार के एक चाय कारोबारी के यहां गुरुवार को रात दोनों पक्षों की बैठक है। उधर कैमिस्ट प्लाजा हुजरात पर राजू कैमिस्ट का संचालक राजकुमार बालानी उधारी के लाखों रुपए दवाए बैठा है। उसे पुराना हाईकोर्ट के चश्मा कारोबारी डॉ. ओपी. कॉलोनी ने हुण्डी पर 50 हजार रुपए, अशोक गंगवानी ने 5 लाख रुपए, तीरथदास ने 1 लाख रुपए, राजेश ने 50 हजार रुपए, डॉ. भोजवानी ने 2 लाख रुपए दिए थे। इसी प्रकार अन्य दवा कारोबारियों ने भी बालानी को लाखों रुपए उधार दिए, लेकिन उसकी नीयत बदल गई तो वह इन सबके पैसे वापस करने से साफ मना कर रहा है। जो लेनदार ज्यादा चक्कर लगा रहे है उनके लिए बालानी ने सराफा बाजार के एक बर्तन कारोबारी और एक वकील को अपने पक्ष में आगे ला खड़ा किया है, ये दोनों एक नंबर में पैसा देने वाले को 35 प्रतिशत और दो नंबर में पैसा उधार देने वालों को 25 फीसदी रकम वापसी के लिए पटा रहे हैं। जिसपर डॉ. कालानी ने तो राजकुमार को बाकायदा कानूनी नोटिस देकर अदालत में मामला पहुंचा दिया है।

उधर गिरवाई स्थित तिली फैक्ट्री संचालित करने वाले मूलचंद माधवदास ने 25 पैसे में मामला निपटवा लिया है। अपने डूबते पैसे लेने व्यापारी उससे तकादा कर रहे थे, वहीं कैलाश इन्डस्ट्री भी औने-पौने पैसे देकर व्यापारियों को चलता करना चाहता है। हेमंत नाम का दलाल गिरवाई के तिली वालों की नाक में दम किए हुए है, वह प्रापर्टी की दलाली भी कर रहा है।

बहरहाल जी.एस.टी के पेच में फंसे व्यापारियों के लिए वर्तमान हालातों में व्यापार करना मुश्किल हो गया है ऊपर से हुण्डी और उधार के पैसे पचाने से इस तरह के व्यापार में खतरा ही खतरा है। चेम्बर के पदाधिकारी का कहना है जो व्यापारी उधार लेता हैं उसे पूरा पैसा वापस करना चाहिए, सैटेलमेन्ट इस समस्या का हल नहीं।

Updated : 8 Sep 2017 12:00 AM GMT
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