प्रमुख सचिव कलेक्ट्रट परिसर को सौर ऊर्जा से रोशन करने की तैयारी

प्रमुख सचिव कलेक्ट्रट परिसर को सौर ऊर्जा से रोशन करने की तैयारी

पूर्ण उर्जा एवं अतिरिक्त उर्जा स्त्रोत ने कलेक्ट्रेट का निरीक्षण

झाँसी । कलैक्ट्रेट परिसर एवं कार्यालय अब विद्युतापूर्ति पर निर्भर नहीं होगें। सरकारी कार्य में बिजली बाधा उत्पन्न नहीं कर सकेगी। परिसर व कार्यालयों को सौर उर्जा से जगमगाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। सौर उर्जा से जहां एक ओर आर्थिक बचत होगी वहीं हमेशा विद्युत उपलब्ध रहेगी। यह विचार प्रदेश के प्रमुख सचिव उर्जा एवं अतिरिक्त उर्जा स्त्रोत आलोक कुमार प्रथम ने कलैक्ट्रेट में भ्रमण व 50 किलोवाट सोलर प्लांट का निरीक्षण करते हुए उपस्थित अधिकारियों के मध्य व्यक्त किये। प्रमुख सचिव उर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत आलोक कुमार ने कहा कि जनपद में अतरिक्त उर्जा का विशाल भण्डार है, जिसका उपयोग सोलर प्लांट की स्थापना कर करना होगा। सौर उर्जा से तैयार बिजली सस्ती तथा मेन्टीनेंस भी सहज होता है।

उन्होने छत पर स्थापित पेनल का निरीक्षण करते हुए अनेक तकनीकी तथा पेनल से जेनरेट होने वाली विद्युत का कैसे उपयोग होगा उसके विषय में विषय विशेषज्ञ से जानकारी ली। उन्होने पूछा कि बैटरी और बैटरी बैंक कैसे कार्य करेगें जब कार्यालय बंद हो जायेगा। मौके पर पीओ नेडा शिव दर्शन वर्मा ने बताया कि कलैक्ट्रेट में कुल 164 पैनल लगाये गये है जो प्रति पैनल 305 वाट बिजली जेनरेट करेगें। इस पर लगभग 66 लाख रूपये व्यय किये गये है। शासन स्तर से हाई लाइट कम्पनी से अनुबंध है जो 5 साल तक अनुंरक्षण का कार्य निस्पादित करेगी। कार्य पूर्ण कर लिया गया है। कलैक्ट्रेट के समस्त प्रमुख कार्यालयों को जोड़ा गया है। इसको संचालित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि कलैक्ट्रेट में प्रति माह लगभग 4 से 5 हजार रूपये की बचत होगी। प्रमुख सचिव उर्जा एवं अतरिक्त उर्जा स्त्रोत ने ग्राम धमनौर तहसील गरौठा के 20 मेगावाट के सौलर प्लांट का भी निरीक्षण किया। यहां भी प्लांट का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। पीओ वैकल्पिक उर्जा शिव दर्शन वर्मा ने बताया कि कुल 74140 पैनल लगाये गये है जिनके माध्यम से 20 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा जिसे यू.पी. पावर कारपोरेशन 5.38 ऐसे में क्रय करेगा। प्लांट को सीधे लाइन के माध्यम से ग्रिड से जोने जाने का कार्य चल रहा है। जो जल्द पूर्ण हो जायेगा। उक्त कार्य लगभग 100 करोड़ की लागत से किया गया है। इस मौके पर जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान, अपर जिलाधिकारी वि/रा. विजय बहादुर सिंह, नगर मजिस्ट्रेट सी.पी. तिवारी, मुख्य अभियंता विद्युत आर.पी.एस. तोमर, एस.ई. आर. के. वर्मा, अधिशाषी अभयंता डी. यादुवेन्द्र, गौरव कुमार सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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