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नये मंत्रिमंडल में सहयोगी दलों के नाम गायब

नये मंत्रिमंडल में सहयोगी दलों के नाम गायब
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नई दिल्ली : मोदी कैबिनेट फेरबदल के लिए इन नामों के सामने आने के बाद सहयोगी दलों से बनने वाले मंत्रियों की अटकलों पर विराम लग गया है।नये मंत्रिमंडल में सहयोगी दलों के नाम गायब हैं। सहयोगी दलों का यहां तक कहना है कि उन्हें तो जानकारी ही नहीं है कि ऐसा कोई विस्तार होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह अपने मंत्रिपरिषद को नया स्वरूप दे चुके हैं। सहयोगी दलों शिवसेना और जेडीयू से मंत्री बनाए जाने की चर्चा जोरों पर थी। लेकिन अब उप्र से शिवप्रताप शुक्ला और सत्यपाल सिंह, बिहार से अश्विनी चौबे और आरके सिंह, राजस्थान से गजेंद्र सिंह शेखावत, कर्नाटक से अनंत कुमार हेगड़े, मध्यप्रदेश से वीरेंद्र कुमार, दिल्ली से हरदीप सिंह पुरी और केरल से अल्फांस कन्नथानम ही मंत्री बनाए गये हैं।
अभी हाल ही में एनडीए में शामिल हुई जेडीयू के कोटे से भी मंत्री बनने की अटकलें जोरों पर थीं। यहां तक कि यह भी माना जा रहा था कि जदयू कोटे से कम से कम दो मंत्री बनेंगे। इसके अलावा शिवसेना कोटे से भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी।

सात मंत्री दे चुके हैं इस्तीफा
इन नए मंत्रियों के लिए पहले ही सात मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। जिनमें कलराज मिश्र, राजीव प्रताप रूडी, बंडारू दत्तात्रेय, संजीव बालियान, महेंद्र नाथ पांडेय, फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम शामिल है। वहीं, स्वास्थ्य कारणों से उमा भारती के इस्तीफे की भी चर्चा थी, लेकिन उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है।

पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके बाद सबसे पहले रूडी के इस्तीफे की खबर आई थी। इसके बाद एक-एक कर सात मंत्रियों के इस्तीफे की खबर आई लेकिन इसकी किसी ने पुष्टि नहीं की। शनिवार को कलराज मिश्र ने खुद इस्तीफे की बात स्वीकारते हुए बताया कि उम्र 75 वर्ष से ज्यादा होने के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया है।

Updated : 3 Sep 2017 12:00 AM GMT
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