Home > Archived > बलिया में करोड़ों के जीपीएफ घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश

बलिया में करोड़ों के जीपीएफ घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश

बलिया में करोड़ों के जीपीएफ घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश
X


इलाहाबाद।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बलिया में जीपीएफ घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को संबंधित दस्तावेज सीबीआई को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है और सीबीआई को अपनी जांच तीन माह में पूरी करने का निर्देश दिया है। याचिका को कृत कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए 31 अगस्त को पेश करने को कहा है।

तीन माह में सीबीआई पेश करे जांच रिपोर्ट

आईएएस अधिकारी को बचा रही है सरकार

यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन तथा न्यायमूर्ति कृष्ण सिंह की खण्डपीठ ने बलिया के भीम सिंह की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। मालूम हो कि वर्ष 1994-95 में वार्षिक बजट 31 मार्च को लैप्स होने से बचाने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट ने साढ़े तीन करोड़ रूपये अध्यापकों के जीपीएफ में जमा करा दिया और उसी फण्ड से डेढ़ करोड़ रूपये निकालकर अध्यापकों का वेतन बांट दिया गया। बलिया में बीएसए ने 104 अध्यापकों की बिना पद स्वीकृत कराये अवैध रूप से नियुक्ति कर ली थी। इन अध्यापकों के वेतन का भुगतान किया गया। इसके बाद 2000 से सरकारी खजाने से वेतन दिया जाता रहा। इसकी शिकायत हुई तो विजिलेंस जांच करायी गयी। प्राथमिकी भी दर्ज हुई। सरकारी धन के फ्राड के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की रिपोर्ट दाखिल की गयी।

सिटी मजिस्ट्रेट राम गणेश जो इस समय शासन में विशेष सचिव हैं, जिला विद्यालय निरीक्षक जितेन्द्र, एकाउंट अधिकारी दिलीप पाण्डेय, वित्त अधिकारी बलीराम व कमलाकांत आरोपित किए गए। कमलाकांत को बर्खास्त भी कर दिया गया। कोर्ट के सख्त रवैये को देखते हुए कार्यवाही न कर एक कमेटी गठित कर दी गयी फिर भी कुछ नहीं हुआ तो कोर्ट ने मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा। मुख्य सचिव ने पांच सदस्यीय हाईपावर कमेटी बना दी। इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एक आईएएस के खिलाफ कार्यवाही करने की सरकार में हिम्मत नहीं है। वह दोषी अधिकारियों को बचा रही है। फण्ड के घोटाले को सरकार मान रही है किन्तु दोषियों पर कार्यवाही नहीं कर रही है। इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपा जाना उचित है। कोर्ट ने सरकारी सिस्टम पर ही सवाल खड़े किये हैं और कहा कि मुख्य सचिव को कोर्ट आदेश पढ़ने तक का टाइम नहीं है। आदेश का पालन नहीं किया गया।

Updated : 8 Aug 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top