Home > Archived > भारतीय क्रिकेट में 26 अगस्त का दिन था विशेष

भारतीय क्रिकेट में 26 अगस्त का दिन था विशेष

भारतीय क्रिकेट में 26 अगस्त का दिन था विशेष
X

हनुमान कासोटिया। भारतीय क्रिकेट में आज का दिन विशेष महत्व रखता है। आज ही के दिन यानी 26 अगस्त, 2012 को उन्मुक्त चंद की कप्तानी में भारत तीसरी बार अंडर-19 विश्व चैम्पियन बना था। भारत ने खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को छह विकेट से शिकस्त दी थी। इससे पहले भारत ने 2000 में मोहम्मद कैफ और 2008 में विराट कोहली की कप्तानी में इस खिताब पर कब्जा किया। इस बार यह जिम्मेदारी उन्मुक्त के कंधों पर थी। जिसने फाइनल में शतकीय पारी खेल अपनी टीम को विश्व विजेता बनवाया।

हम आपको बता दें कि टाउनसविल में खेले गए आईसीसी अंडर -19 विश्व कप के फाइनल में ऑस्टे्रलिया पहले बल्लेबाजी करते हुए संदीप शर्मा की शानदार गेंदबाजी के सामने 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर केवल 225 रन ही बना सकी। संदीप शर्मा ने 10 ओवर में 54 रन देकर चार विकेट झटके। वहीं रविकांत और हरमीत सिंह ने भी एक-एक विकेट लिया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से कप्तान विलियम बोसिस्टो ने सबसे ज्यादा नाबाद 87, ए टर्नर ने 43 और हैड ने 37 रन का योगदान दिया।

इसके जवाब में भारत ने 47.4 ओवर में चार विकेट पर 227 रन बनाकर जीत हासिल की। टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही। 2 रन पर ही भारत ने पहला विकेट प्रशांत चोपड़ा के रूप में गंवा दिया। वह खाता भी नहीं खोल सके। इसके बाद कप्तान उन्मुक्त चंद ने जीत की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाते हुए भारत को तीसरी बार चैम्पियन बनवाया। चंद ने नाबाद शतकीय पारी खेलते हुए 111 रन बनाए। इसमें उन्होंने 130 गेंदों का सामना करते हुए सात चौके और छह छक्के लगाए।

गौरतलब है कि उन्होंने समित पटेल के साथ पांचवें विकेट के लिए 130 रन की साझेदारी की। पटेल ने भी 62 रन की नाबाद पारी खेली। इस पारी में उन्होंने 84 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके लगाए। बाबा अपराजित ने 38 गेंदों में 33 रन का योगदान दिया। उन्मुक्त को उनकी शतकीय पारी की बदौलत मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया। वहीं ऑस्ट्रेलिया के कप्तान विलियम बोसिस्टो को मैन ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया।

Updated : 26 Aug 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top