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पाकिस्तान के परमाणु हथियारों से यूसए चिंतित

पाकिस्तान के परमाणु हथियारों से यूसए चिंतित
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वाशिंगटन। पाकिस्तान में सामरिक हथियारों के विकास के साथ अमेरिका को अब यह चिंता सताने लगी है कि कहीं ये परमाणु हथियार और सामग्री आतंकियों के हाथ ना लग जाए। यह बात ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। उक्त अधिकारी ने कहा कि व्यापक समीक्षा के दौरान क्षेत्र में पनप रहे परमाणु हथियारों से जुड़े खतरे पर लगातार चर्चा हुई जो अमेरिका के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि यह मामला दक्षिण एशियाई रणनीति का बेहद संवेदनशील हिस्सा है। पहचान नहीं बताने की शर्त पर इस वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि ट्रंप सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि पाकिस्तान में परमाणु हथियार और सामग्री आतंकी समूहों या लोगों के हाथ लग सकती हैं। अधिकारी ने कहा, “ समीक्षा के दौरान (दक्षिण एशिया नीति) दो परमाणु संपन्न देश, भारत और पाकिस्तान के बीच गहरा रहे तनाव को प्राथमिकता दी जा रही है और उन तरीकों के बारे में विचार किया जा रहा है जिससे दोनों देशों के बीच के तनाव को कम किया जा सके।”

अधिकारी ने कहा कि इस नीति में भारत और पाकिस्तान के बीच भरोसा पैदा करने के उपायों पर गौर किया गया है और उन्हें बातचीत के लिए प्रोत्साहित करना भी इसका हिस्सा है। विदित हो कि ट्रंप ने सोमवार को अपनी अफगानिस्तान और दक्षिण एशियाई नीति में परमाणु हथियारों के खतरे की बात कही थी। राष्ट्र के नाम अपने पहले प्राइम टाइम संबोधन में उन्होंने कहा था '‘पाकिस्तान अक्सर अराजक, हिंसक और आतंक के एजेंटों को सुरक्षित पनाह देता है। यह खतरा इसलिए बढ़ जाता है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु हथियारों लैस देश हैं और दोनों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों का युद्ध में तब्दील होने का खतरा है और ऐसा हो सकता है।”

अमेरिकी विशेषज्ञ स्टीफन टंकेल ने हाल ही में ‘सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी’ को लिखा था ' भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु तनाव कम करने और अमेरिकी लोगों एवं क्षेत्र के मूलभूत ढ़ाचें के खिलाफ आतंकी हमलों को रोकने में अमेरिका का हित शामिल है।” उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान युद्ध क्षेत्र में प्रयोग करने के लिए परमाणु क्षमता वाले सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल ‘नस्र’ को विकसित कर रहा है ताकि वह पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के हमलों के बाद सीमा पर भारतीय सेना की संभावित कार्रवाई को रोक सके।

टंकेल ने कहा, “पाकिस्तानी परमाणु हथियारों के बारे में सबसे बड़ी चिंता है कि वह आंतरिक खतरों से महफूज नहीं हैं। असल में इन हथियारों के आंतकी हाथों में जाने की आशंका है जिनका भारत से युद्ध की स्थिति में इस्तेमाल किया जा सकता है।” इतना ही नहीं कुछ पाकिस्तानी विशेषज्ञों का भी मानना है कि एक बार इन्हें मैदान में उतार देने के बाद पाकिस्तानी सेना के लिए भी इन हथियारों की पूरी सुरक्षा सुनश्चित करना मुश्किल होगा।”

Updated : 25 Aug 2017 12:00 AM GMT
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