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मुजफ्फरनगर रेल हादसे का हुआ खुलासा

मुजफ्फरनगर रेल हादसे का हुआ खुलासा
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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के खतौली में हुए उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे की शुरुआती जांच के बाद रविवार को रेलवे ने लापरवाही बरते जाने के संकेत दिए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि इस बात की भी जांच की जाएगी कि कहीं ट्रैक पर बिना इजाजत काम तो नहीं चल रहा था। रेलवे ट्रैफिक के सदस्य मोहम्मद जमशेद ने कहा कि यह साफ नहीं हुआ है कि वहां ट्रैक पर किस तरह का काम चल रहा था। जमशेद ने मीडिया से कहा, पटरियों पर किसी भी तरह के काम के लिए नियम-कानून हैं। हमारे पास मैंटेनेंस मैनुअल्स है जिसमें रेलवे इन्फ्रस्ट्रक्चर पर किसी भी तरह के काम के लिए दिशा निर्देश हैं। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि क्या पटरियों पर कुछ काम हो रहा था और अगर हो रहा था तो क्या नियमों का पालन किया गया।

बता दें कि वहीं, सोशल मीडिया पर रविवार को तेजी से फैली दो रेलवे कर्मचारियों की टेलीफोन पर हुई बातचीत में शनिवार को उत्तर प्रदेश में हुई ट्रेन दुर्घटना में लापरवाही के संकेत मिले हैं। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अभी तक ऑडियो क्लिप नहीं मिली है। रेलवे बोर्ड के अधिकारी मोहम्मद जमशेद ने यहां संवाददाताओं से कहा, हमें मीडिया से दो रेलवे कर्मचारियों के बीच बातचीत का पता चला है। इसमें कहा गया है कि ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना लापरवाही की वजह से हुई। हम क्लिप की प्रमाणिकता की जांच करेंगे।

वहीं, सोशल मीडिया पर रविवार को तेजी से फैली दो रेलवे कर्मचारियों की टेलीफोन पर हुई बातचीत में शनिवार को उत्तर प्रदेश में हुई ट्रेन दुर्घटना में लापरवाही के संकेत मिले हैं। हालांकि, करीब 15 मिनट के ऑडियो क्लिप की स्वतंत्र रूप से जांच नहीं की जा सकी है। एक रेलवे के अधिकारी ने कहा कि वे इसे देख रहे हैं। दुर्घटना स्थल के पास एक क्रासिंग पर तैनात एक व्यक्ति इस ऑडियो क्लिप में कह रहा कि ट्रैक के रखरखाव वाले स्थान पर जहां कार्य चल रहा था, वहां खराब गश्त की व्यवस्था थी, यह दुर्घटना के कारणों में से एक वजह है। इस क्लिप में एक रेलवे कर्मचारी को स्पष्ट रूप से यह कहते सुना जा रहा है, रेलवे ट्रैक के एक भाग पर वेल्डिंग का काम चल रहा था.. लेकिन मजदूरों ने ट्रैक के टुकड़े को जोड़ा नहीं और इसे ढीला छोड़ दिया। क्रासिंग के पास गेट बंद था। ट्रैक का एक टुकड़ा लगाया नहीं जा सका था और जब उत्कल एक्सप्रेस पहुंची तो इसके 14 कोच पटरी से उतर गए।

ऑडियो क्लिप में उसे यह कहते सुना जा रहा है, जिस लाइन पर काम चल रहा था, न तो उसे ठीक किया गया और न ही कोई झंडा या साइनबोर्ड (रोकने के संकेत के तौर पर) लगाया गया। यह दुर्घटना लापरवाही की वजह से हुई। ऐसा लगता है कि सभी (संबंधित कर्मचारी) निलंबित होंगे। इस पर दूसरे ने जवाब दिया दिया कि जूनियर इंजीनियर व दूसरे अधिकारियों सहित सभी के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है। दोनों एक दूसरे से यह भी बताते हैं कि मजदूरों ने अपना काम समाप्त करने के बाद कुछ उपकरण ट्रैक के बीच में छोड़ दिया था। कम से कम वे मशीन को हटा सकते थे और एक लाल झंडा वहां लगा सकते थे, जिससे शायद हादसा टल सकता था।

गौरतलब है कि रेलवे अधिकारी ने कहा, रेलवे सेफ्टी के कमिश्नर शैलेष पाठक द्वारा सोमवार से जांच शुरू की जाएगी। वह तोडफ़ोड़, तकनीकी खामी या मानवीय चूक समेत हर ऐंगल से जांच करेंगे। जमशेद ने कहा कि उन्होंने पटरियों पर मरम्मत के कुछ औजारों को देखा था। कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस शनिवार को ओडिशा के पुरी से उत्तराखंड के हरिद्वार जा रही थी, जब उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में 14 कोचों के पटरी से उतर जाने से यह हादसा हुआ। रेलवे ने 20 लोगों के मारे जाने की बात कही है, वहीं राज्य के अधिकारियों ने 24 लोगों के मारे जाने की सूचना दी है।

Updated : 19 Aug 2017 12:00 AM GMT
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