गोरखपुर। सरकारी अस्पताल बीआरडी में 30 बच्चों की मौत का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। बच्चों की मौत अस्पताल की लापरवाही से होनी बताई जा रही है। आरोप है कि अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई ठप होने से इन बच्चों की मौत हुई है। हांलांकि सरकार और अस्पताल ने इन खबरों का खंडन करते हुए कहा है बच्चों की मौत ऑक्सीजन सप्लाई ठप होने के कारण नहीं हुई। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में थी। मृतकों में से 13 बच्चे एनएनयू वार्ड और 17 इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे। हंगामा होने के बाद सरकार की ओर से इस मामले पर सफाई आई है। बयान में कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी रोगी की मौत नहीं हुई है। सरकार का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में भर्ती 7 मरीजों की विभिन्न चिकित्सीय कारणों से 11 अगस्त को मृत्यु हुई। जिलाधिकारी ने तत्काल अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया तथा निर्देश दिए कि चिकित्सा व्यवस्था में किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए। साथ ही घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसके लिए डीएम ने 5 सदस्यीय एक टीम गठित की है। यह टीम आज अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी।
हम आपको बता दें कि बच्चों की मौत ने अब राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है। विपक्ष ने इस मामले को लेकर योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि गोरखपुर मे ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की दर्दनाक मौत, सरकार जिम्मेदार, कठोर कार्रवाई हो, 20-20 लाख का मुआवजा दे सरकार। वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया कि बीजेपी सरकार इसके लिए जिम्मेदार हैं। साथ ही उन्होंने ट्वीट मेें लिखा कि लापरवाही बरतने वालों को सजा मिलनी चाहिए। बीएसपी ने तो योगी सरकार को बर्खास्त करने की मांग तक कर डाली। बीएसपी ने कहा है कि योगी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और स्वास्थ मंत्री सहित अस्पताल स्टॉफ को जेल भेज देना चाहिए।
खबरों के अनुसार, बीआरडी अस्पताल को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कए फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई ठप कर दी। मामला पैसों के भुगतान का बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल पर फर्म का 69 लाख का भुगतान बकाया था। जबकि बकाया रकम की अधिकतम मियाद 10 लाख रुपये ही है। इस अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई पुष्पा सेल्स नामक कंपनी करती है। बताया जा रहा है कि बकाया भुगतान न होने पर फर्म ने सप्लाई ठप करने की चेतावनी पहले ही दे दी थी।
गौरतलब है कि इस पर 69 लाख के भुगतान को लेकर फर्म ने गुरुवार शाम को ऑक्सीजन सप्लाई ठप कर दी थी। बीते 6 महीने से बकाया धनराशि को लेकर अस्पताल और फर्म के बीच पत्राचार चल रहा था। बताया जा रहा है कि बीआरडी अस्पताल में दो साल पहले लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था। इसके जरिए इंसेफलाइटिस वार्ड सहित सैकडों मरीजों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन दी जाती थी।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई बंद, 30 मासूमों की मौत
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Updated : 2017-08-11T05:30:00+05:30
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