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भाड़े के टट्टुओं को नहीं पता किसका पुतला फूंका!

भाड़े के टट्टुओं को नहीं पता किसका पुतला फूंका!
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ग्वालियर। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे अपने दौर के सबसे खराब समय का सामना कर रही कांग्रेस अब सक्रिय होने का दिखावा करने में लगी हुई है, जिसके चलते कांग्रेस द्वारा इन दिनों बहुतायत में ज्ञापन, धरना व पुतला दहन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, लेकिन इन कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों की हकीकत जानकर आप भी दंग रह जाएंगे, क्योंकि इनमें भीड़ बढ़ाने को शामिल होने वालों को इस बात तक का ज्ञान नहीं रहता है कि आखिर यह पुतला किसका व क्यों फूंका जा रहा है। वहीं पिछड़ी बस्तियों से भी अशिक्षित महिलाओं को भी भीड़ जुटाने के लिए बुला लिया जाता है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस द्वारा सत्ता पक्ष को घेरने के उद्देश्य से इन दिनों बहुतायत में पुतला दहन के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसके चलते बीती 16 जुलाई को मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का, 19 जुलाई को बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में फूलबाग चौराहे पर मुख्यमंत्री का, 25 जुलाई को आठ स्थानों पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व मुख्यमंत्री के एवं गुरुवार 27 जुलाई को फूलबाग चौराहे व थाटीपुर चौराहे पर मुख्यमुत्री के पुतले दहन किए गए हैं, इसके अलावा 19 जुलाई को युवा कांग्रेस द्वारा भारी-भरकम भीड़ के साथ मोतीमहल पहुंचकर मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी को लचर स्वास्थ्य सेवाओं के विरोध में ज्ञापन सौंपा था। इन कार्यक्रमों में सबसे हास्यास्पद बात यह रही, कि इनमें कई ऐसे लोग शामिल थे, जिन्हें यह तक ज्ञान नहीं था कि वह यहां क्यों आए हैं। दरअसल यह लोग तो नेताओं द्वारा मात्र भीड़ बढ़ाने के उद्देश्य से बुलाए गए थे।

सदस्यता ली है तो आना पड़ेगा

कांग्रेसियों द्वारा बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को पार्टी का सदस्य बनाया गया है, जो रोज कमाने-खाने वाले हैं, और जिन्हें राजनीति से कोई सरोकार नहीं है। अब यह कांग्रेसी कार्यक्रमों में भीड़ बढ़ाने के लिए इन्हें बुलाने हेतु उन पर दबाव बनाते हैं, जो उनसे कहते हैं कि तुमने पार्टी की सदस्यता ली है तो कार्यक्रम में तो आना ही पड़ेगा। इसमें दरअसल आम कार्यकर्ता की गलती नहीं है, बल्कि उनके ऊपर पदाधिकारियों द्वारा कार्यक्रम में भीड़ जुटाने हेतु दबाव बनाया जाता है, जिससे अपने नेता को खुश करने के लिए कार्यकर्ता बेचारे अपने उन मिलने वालों को भी कार्यक्रमों में ले आते हैं, जिन्हें राजनीति का ककहरा भी नहीं पता होता है। इसके अलावा कुछ नेता पुत्रों द्वारा अपनी राजनीति चमकाने के लिए आवारा किस्म के युवकों को लालच देकर बुलवाया जा रहा है। यह लोग कार्यक्रम में पहुंचकर भीड़ तो बढ़ा देते हैं, जबकि इन्हें हकीकत में यह पता ही नहीं होता है कि वह वहां क्यों आए हैं। बीते दिनों जब मंत्री नरोत्तम का पुतला दहन हो रहा था, तो उसमें जोर-शोर से नारेबाजी कर रहे एक युवक से जब पूछा कि यह किसका पुतला जला रहे हो, तो उसका कहना था कि हमें नहीं पता हम तो ऐसे ही आ गए थे। इसी तरह गत रोज फूंके गए मुख्यमंत्री व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के पुतलों के दौरान भी ऐसा ही हास्यास्पद नजारा सामने आया, क्योंकि उसमें भी तमाम लोगों को यह नहीं मालूम था कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष कौन हैं और यह पुतला किसका व क्यों दहन किया जा रहा है। इसके साथ ही युवक कांग्रेस के लोकसभा अध्यक्ष संजय यादव अपने चाचा व स्वयं के रसूख के चलते सीएमएचओ को ज्ञापन देने के लिए ग्रामीणों की जिस भारी-भरकम फौज के साथ पहुंचे थे, उनमें शामिल अधिकांश ग्रामीणों को भी यह नहीं मालूम था कि वहां क्यों एकत्रित हुए हैं। बहरहाल कांग्रेसियों को एक बात अवश्य ध्यान में रखना चाहिए कि अपनी राजनीति चमकाने एवं दम-खम दिखाने के लिए उनके द्वारा जो उक्त हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, उससे उन्हें चुनावों में कोई लाभ नहीं होने वाला है, बेहतर हो कि इस झूठे दिखावे के बजाय वह आमजन के बीच जाकर उनकी मदद करें, जिससे उनके जनाधार में बढ़ोतरी हो सके।

Updated : 28 July 2017 12:00 AM GMT
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