फुटवियर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए संसद में विधेयक पास
नई दिल्ली। संसद ने सोमवार को फुटवियर उद्योग को बढ़ावा देने और उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने संबंधित विधेयक पारित कर दिया।
फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट बिल, 2017 का मकसद फूटवियर उद्योग में शिक्षिक गुणवत्ता और उत्कृष्टता बढ़ाना है। इसके लिए फुटवियर डिजाइन और विकास संस्थान स्थापित करना और उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का रूप देना शामिल है।
सोमवार को राज्यसभा ने इस बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले इसे लोकसभा ने अप्रैल में पारित कर दिया था। इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस संस्थान के देशभर में 12 कैंपस होंगे जिसमें से 7 वर्तमान में कार्यशील हैं। इन्हें राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि इस कानून का महत्व युवाओं को फुटवेयर उद्योग में प्रशिक्षित करना है।
उन्होंने कहा कि वह पार्टी अधारित राजनीति नहीं करना चाहती लेकिन जो पार्टी 1986 में इस संस्थान को लेकर आई थी वह इसके महत्व को समझ न सकी और 2012 से 2014 के दौरान कुछ अनियमिततायें रही। यह गलतियों को ठीक करने लिए है ताकि युवाओं का भविष्य अनिश्चितता भरा न हो।
जब इसे समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने सरकार के पशुओं को लेकर बनी नीति के विरूद्ध दर्शाने की कोशिश की तो सीतारमन ने कहा कि मोदी सरकार गैरकानूनी केन्द्रों के माध्यम से चमड़े की आपूर्ति पर रोक लगाना चाहती है।