उपचार के लिए गया मरीज पहुंचा थाने
ग्वालियर। जयारोग्य चिकित्सालय में चिकित्सकों व मरीज के बीच मारपीट के मामले आए दिन सामने आते हैं, लेकिन इस बार एक ऐसा मामला सामने अया है। जिसमें उपचार के लिए पहुंचा मरीज अस्पताल में भर्ती होने की जगह थाने पहुंच गया और चिकित्सकों ने अभद्र व्यवहार व मारपीट करने की शिकायत थाने में दर्ज कराई। उटीला बागीपुर निवासी धर्मेन्द्र का विगत आठ माह पहले एक्सीडेन्ट हुआ था और हाथ में चोट आई थी। इसी के चलते धर्मेद्र का छह माह पहले हाथ का आॅपरेशन जयारोग्य के आॅर्थोपेडिक विभाग में हुआ था। लेकिन विगत दो माह से धर्मेन्द्र के हाथ में दुबारा परेशानी आने लगी, जिसके उपचार के लिए वह दो माह से अस्पताल के चक्कर काट रहा था। इसी के चलते वह मंगलवार की सुबह ओपीडी में चिकित्सकों को दिखाने पहुंचा, चिकित्सकों ने उसे भर्ती होने की बात कही। धर्मेन्द्र भर्ती की पर्ची बनवा कर आर्थोपेडिक की यूनिट-1 में पहुंचा तो वहां चिकित्सकों ने उसे थोड़ी देर इंतजार करने की बात कही। जिसको लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया और नौबत मारपीट तक पहुंच गई। ड्यूटी पर मौजूद जूनियर चिकित्सक डॉ. रवी दिवाकर का आरोप था कि ओटी में आॅपरेशन चल रहा था, इसी के चलते मरीज को 2 बजे भर्ती होने की बात कही गई थी, लेकिन मरीज बार-बार चिकित्सक से अभद्र व्यवहार कर रहा था। इस बीच वार्ड में वरिष्ठ चिकित्सकों का भी राउण्ड हुआ तो मरीज उनके साथ भी अभद्रता करने लगा और हाथापाई शुरू कर दी। जिसे देख अन्य चिकित्सकों ने तत्काल 100 डायल कर पुलिस बुलाई और उसे सौंप दिया। इसके बाद जूनियर चिकित्सक थाने पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज कराई।
चिकित्सक दे रहे थे गाली तो नहीं हुआ सहन
इस मामले में मरीज धर्मेन्द्र का कहना है कि वह विगत दो माह से उपचार के लिए अस्पताल के चक्कर काट रहा था। आज जैसे-तैसे उसे चिकित्सक ने देखा और भर्ती होने की बात कही तो वह वार्ड में पहुंच गया। लेकिन वार्ड में मौजूद चिकित्सक उसे भर्ती करने के लिए आना-कानी कर रहे थे। जिस पर उसने भर्ती न करने का कारण पूछा तो वह उसके साथ अभद्र भाषा में बात करते हुए गाली देने लगे। जिसका उसने विरोध किया तो चिकित्सक ने उसे धक्का देकर बाहर निकाल दिया और मारपीट शुरू कर दी। मारपीट के दौरान जब उसने चिकित्सक का विरोध किया तो अन्य आठ से दस चिकित्सक वहां आ गए और उसे कमरे में बंद कर जमकर पीटा। मारपीट के दौरान धर्मेन्द्र को चोटें भी आईं, लेकिन उसके बाद भी चिकित्सक ने उसे थाने में पहुंचा दिया और उल्टा उसके खिलाफ ही शिकायत दर्ज करा दी।