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मृतक आईएएस अनुराग के भाई ने कोतवाल पर लगाए गंभीर आरोप

लखनऊ। आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में हजरतगंज कोतवाल आनंद शाही और जांच अधिकारियों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। मृतक के भाई का आरोप है कि हजरतगंज कोतवाल ने अनुराग के कपड़े जलवा दिए। जबकि उन्हें बताया जाता रहा था कि कपड़े सुरक्षित हैं। आरोप यह भी है कि थानेदार और जांच टीम ने बहुत लापरवाही की है।
मृतक आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी के भाई मयंक तिवारी ने बताया कि घटना के दिन उन्होंने अपने भाई के कपड़ों के बारे में जब थानेदार आनंद शाही से पूछा तो उन्होंने कहा कि कपड़े सुरक्षित हैं। मयंक का कहना है कि जब उन्होंने पोस्टमार्टम हॉउस में भी कपड़ों के बारे में पूछा तो बताया गया कि कपड़े पुलिस के पास सुरक्षित हैं, जो आगे जांच के लिए भेजे जायेंगे।

मयंक ने बताया कि कपड़ों के बारे में जब सीबीआई ने लखनऊ पुलिस से पूछा तो जांच टीम कपड़े नहीं दे सकी। उन्होंने आरोप लगाया है कि थानेदार ने कपड़े जलवा दिए हैं। आरोप यह भी है कि हजरतगंज थानेदार और जांच टीम लगातार उन्हें गुमराह कर रही है। अनुराग के परिजनों का आरोप है कि हजरतगंज पुलिस ने उनका साथ नहीं दिया और शव मिलने के बाद से ही लापरवाही की गई। उन्होंने हजरतगंज थानेदार पर कार्रवाई करने की मांग की है। बता दें की आनंद शाही इससे पहले कैसरबाग कोतवाली में तैनात थे। लेकिन एसएसपी दीपक कुमार ने बाद में उन्हें हजरतगंज कोतवाली का प्रभारी बनाया।

गौरतलब है कि आईएएस अनुराग तिवारी लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी के साथ उनके 19 नंबर कमरे में मीराबाई मार्ग गेस्ट हॉउस में रुके थे। 17 मई को सुबह करीब 6:30 बजे उनका शव मीराबाई मार्ग पर गेस्टहाऊस के निकट लगे ट्रांसफार्मर के सामने सड़क किनारे औंधे मुंह पड़ा मिला था। राहगीरों की सूचना पर पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। पुलिस को उनकी तलाशी के दौरान जेब से पर्स और पैसे मिले। पुलिस ने जेब से मिले आई कार्ड के आधार पर उनकी शिनाख्त की। फिलहाल मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है। सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है।

Updated : 30 Jun 2017 12:00 AM GMT
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