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जीएसटी के नाम पर रेलवे बोर्ड ने यात्री सुविधाओं में की कटौती

जीएसटी के नाम पर रेलवे बोर्ड ने यात्री सुविधाओं में की कटौती
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अगर आप 30 जून के बाद ट्रेन में यात्रा करने वाले हैं तो हो जाएं सावधान

एसी श्रेणी के टिकटों पर बढ़ेगा बोझ

एसी श्रेणी में सर्कुलर टिकट व्यवस्था बंद हो जाएग

प्रशांत शर्मा/ग्वालियर। अगर आप 30 जून की रात 12 बजे के बाद प्लेटफॉर्म पर आने वाली ट्रेन में सवार होने वाले हैं तो जेब में टिकट के लिए अतिरिक्त राशि लेकर चलें। असल में जब आप ट्रेन में सीट पर सोने की तैयारी कर रहे होंगे तब टिकट निरीक्षक आपसे टिकट की राशि का बकाया वसूलेगा। ये एक जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी के कारण होगा। हालांकि ये अधिक नहीं होकर मूल किराए से सिर्फ 5 प्रतिशत तक होगा। जीएसटी के मद्देनजर वातानुकूलित शयन यान के किराए में वृद्धि होगी। इसलिए 30 जून की रात 12 बजे बाद ट्रेन से यात्रा करने से पहले यात्रियों को किराए की अंतर राशि जेब में साथ लेकर रखनी होगी। राशि नहीं देने पर सीट से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

रेलवे बोर्ड(Railway Board) ने जारी किए सर्कुलर में बताया है कि एक जुलाई से जीएसटी लागू होने पर आरक्षण चार्ट में बढ़े किराए की अंतर राशि अंकित होगी। इसके अनुसार टीटीई यात्रियों से वसूली करेंगे। जीएसटी लागू होने के बाद किराए पर जीएसटी की दर पांच प्रतिशत तय की गई है। एसी श्रेणी के टिकटों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अभी इन पर 4.5 प्रतिशत टैक्स लग रहा है।

वहीं एक जुलाई से लागू हो रहे जीएसटी के कारण एसी श्रेणी में सर्कुलर टिकट व्यवस्था बंद हो जाएगी। इसके बाद यात्रियों को अलग-अलग टिकट बनाना होगें। एक साथ कई जगहों पर यात्रा कार्यक्रम बनाने वाले यात्री सर्कुलर टिकट का लाभ लेते थे। इससे उन्हें किराए में काफी बचत होती थी। हालांकि इसकी जानकारी ज्यादातर लोगों को नहीं है। इसके चलते सर्कुलर टिकट का उपयोग करने वालों की संख्या भी बहुत कम है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से स्लीपर श्रेणी के यात्रियों को राहत मिलेगी। वहीं, एसी के यात्रियों के लिए यह सुविधा बंद हो जाएगी। इसके अलावा अब यूटीएस से एसी श्रेणी का टिकट जारी नहीं होगा। हालांकि यह विशेष सुविधा केवल पुलिस व मिलिट्री वारंट और एमएलए के यात्रा पर ही मिलती थी। एक जुलाई से इसे भी बंद किया जा रहा है।

अमले को नहीं है जीएसटी के बारे में जानकारी

जीएसटी(GST) एक जुलाई से लागू हो रहा है। इसका असर रेलवे पर भी नजर आएगा। रेलवे के ज्यादातर मैदानी अमले को जीएसटी के बारे आधी-अधूरी जानकारी है। ऐसे में इसके लागू होते ही उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। नई व्यवस्था में लोगों को परेशानी से बचने के लिए लगभग सभी जोन और डिवीजन में अलग से अनुभाग बनाए गए हैं। लेकिन उत्तर मध्य रेलवे में अभी तक यह व्यवस्था नहीं हो पाई है। इसके अलावा वाणिज्यिक निरीक्षक, सुपरवाइजर्स, लिपिक व टीटीई को कोई ट्रेनिंग या जानकारी इस संबंध में नहीं दी गई है।

बीपीटी भी होगा बंद

रेलवे की बीपीटी(ब्लैंक पेपर टिकट) सुविधा भी बंद हो रही है। यह टिकट यूटीएस काउंटर से ऐसे स्टेशनों के लिए जारी होते थे, जहां टिकट की सुविधा नहीं थी। बताया जा रहा है कि इस सिस्टम के कारण रेलवे को हिसाब-किताब में परेशानी होती थी। सॉफ्टवेयर में ऐसे टिकटों से प्राप्त आय दर्ज नहीं हो पाती थी।

एक अक्टूबर से जारी होगा नया टाइम टेबिल

रेलवे का नया टाइम टेबिल इस बार भी एक जुलाई की जगह एक अक्टूबर से ही लागू किया जाएगा। पहले रेलवे एक जुलाई से इसे लागू करने की तैयारी कर रहा था। झांसी रेल मंडल में इसे लेकर सुझावों पर मंथन भी शुरू हो गया था, मगर अब इसे एक अक्टूबर से ही लागू करने का फैसला लिया गया है।

ये है सर्कुलर टिकट

सर्कुलर टिकट के जरिए कोई व्यक्ति एक यात्रा में कई जगह जाने का एक टिकट बना सकता था। ऐसा करने पर किराए में बड़ी राहत मिलती थी। इसके अलावा टिकट के लिए जगह-जगह जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती थी। सर्कुलर टिकट में प्रारंभिक और अंतिम स्टेशन एक ही होना जरूरी था।

Updated : 28 Jun 2017 12:00 AM GMT
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