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आप को कुमार पर नहीं रहा विश्वास, विभाजन के आसार

आप को कुमार पर नहीं रहा विश्वास, विभाजन के आसार
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नई दिल्ली। इन दिनों आम आदमी पार्टी (आप) में चल रही रार ने पार्टी को लगभग दो धड़ों में बांट दिया है। पार्टी में गत कुछ दिनों से चली आ रही इस रार के चलते एक धड़ा कुमार विश्वास का समर्थन करता दिखायी दे रहा है तो दूसरा धड़ा उनके विरोध में खड़ा होकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ है। सूत्र बताते हैं कि यही धड़ा आये दिन पार्टी में कुमार विश्वास विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में लगा है। इस धड़े को अप्रत्यक्षरूप से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी सर्मथन प्राप्त है।

सूत्रों के अनुसार अब जब कुमार विश्वास ने राजस्थान चुनाव को लेकर विस्तृत रणनीति बना ली है तो पार्टी के बड़े नेताओं ने उन्हें असफल करने की नीयत से उनसे दूरी बना ली है। कुमार विश्वास ने राजस्थान के प्रभारी की जिम्मेदारी लेने के बाद दिल्ली में कार्यकर्ताओं से संवाद किया तो 25 जून को जयपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन भी बुलाया। विश्वास ने अपने स्तर पर इसका प्रचार भी किया। अरविंद केजरीवाल के चेहरे वाले फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर किए गए। लेकिन केजरीवाल सहित सोशल मीडिया पर सक्रिय पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने विश्वास की मुहिम से दूरी बना ली।

पार्टी के किसी भी नेता ने कुमार विश्वास के किसी पोस्ट को रि-ट्वीट नहीं किया। मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, आशीष खेतान, दिलीप पांडे, गोपाल राय और आशुतोष जैसे प्रमुख नेताओं ने भी सम्मेलन में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी। विश्वास के अलावा किसी बड़े नेता ने न तो सम्मेलन में शिरकत की और नहीं सम्मेलन पर कोई टिप्पणी की। बड़ी बात यह रही कि अधिकारिक रुप से भी पार्टी इस मामले पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। जानकारी हो कि पार्टी में कुमार विश्वास को लेकर विरोध चल रहा है। कई बार यह विरोध खुलकर भी सामने आ गया है। आप विधायक अमानतुल्लाह के बाद दिलीप पांडे, दीपक बाजपेयी, विकास योगी, वंदना सहित कई नेताओं ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी है। वहीं, विश्वास भी इशारे-इशारे में पार्टी में चार-पांच लोगों के हावी होने पर चुटकी ले चुके हैं।

Updated : 27 Jun 2017 12:00 AM GMT
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